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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बवाल, स्टूडेंट्स ने फेंका बम, हुआ लाठीचार्ज
इलाहाबाद: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एक्जाम को ऑफ लाइन करने की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा हुआ। पुलिस ने वीसी ऑफिस पर धरना दे रहे स्टूडेंट्स पर जमकर लाठीचार्ज किया।
लाठीचार्ज की इस घटना में आधा दर्जन से ज्यादा स्टूडेंट्स घायल हुए हैं। घटना के बाद यूनिवर्सिटी यूनियन हॉल पर उग्र छात्रों ने देसी बम फेंके जिससे कुछ समय के लिए कैंपस में अफरा तफरी मच गई।
क्या है मामला ?
-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री समेत कई स्टूडेंट लीडर यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएट और कंबाइंड रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (क्रेट) को ऑन लाइन के साथ ऑफ लाइन करने के लिए पिछले दो दिनों से कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे।
-सोमवार को कैंपस में जबरन सभी ऑफिसों को बंद करने के बाद कुलपति ऑफिस पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।
-इसी दौरान कैंपस में ऑन लाइन एंट्रेंस एक्जाम के समर्थन में भी स्टूडेंट्स का एक बड़ा गुट नारेबाजी करते हुए विरोधी गुट के आमने-सामने हो गया।
-कैंपस में स्टूडेंट गुटों के इस हंगामे को देखते हुए कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी को तैनात कर दिया गया।
-कुछ समय बाद ऑन लाइन एग्जाम समर्थक स्टूडेंट्स वापस चले गए।
पुलिस के लाठीचार्ज से घायल स्टूडेंट्स
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
-वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह के समर्थक स्टूडेंट्स की पुलिस से नोक झोंक होने लगी और अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
-कैंपस में हुए लाठीचार्ज में कई स्टूडेंट्स घायल हो गए और अफरातफरी मच गई।
धरना प्रदर्शन करती छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह
छात्रसंघ भवन के पास फोड़े गए देसी बम
-कैंपस में हुए लाठीचार्ज के दौरान छात्रसंघ भवन के पास देसी बम फोड़ कर दहशत फैलने की कोशिश भी की गई।
-ऑफ लाइन परीक्षा के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स पर अचानक लाठीचार्ज से स्टूडेंट्स में नाराजगी भी है।
-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुए इस हंगामे के बाद कैंपस और आस-पास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में तैनात भारी पुलिस फ़ोर्स
छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने लगाया नए कुलपति पर आरोप
-ऑफ लाइन एग्जाम को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का आरोप है कि नए कुलपति पूर्वांचल के छात्रो के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
-जिससे ऑन लाइन एंट्रेंस एक्जाम में ये सफल ना हो सकें।
-ऋचा की दलील है कि ग्रेजुएशन के एंट्रेंस एक्जाम में आंदोलन के बाद ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों विकल्प दिए गए हैं।
-जिसमें 90 फीसदी स्टूडेंट्स ने ऑफ लाइन का विकल्प चुना है।
-ऐसे में पोस्ट ग्रेजुएट और क्रेट के एक्जाम को भी दोनों विकल्प दिया जाए।