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भारत के MTCR सदस्य बनने पर भड़का चीन, भारतीयों को बताया- स्वार्थी

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Published on: 28 Jun 2016 3:38 PM IST
भारत के MTCR सदस्य बनने पर भड़का चीन, भारतीयों को बताया- स्वार्थी
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बीजिंग: एनएसजी मुद्दे पर चीन शुरुआत से ही गोलमोल जवाब देता रहा। कभी वह भारत को लेकर किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जताने का ढोंग करता रहा तो कभी नियम-कानून की दुहाई देता नजर आया। अतंतः चीन के विरोध के कारण भारत को एनएसजी में सदस्यता नहीं ही मिली। बावजूद इसके भारत ने एमटीसीआर का सदस्य राष्ट्र बनने में सफलता जरूर हासिल की।

भारत के एमटीसीआर का सदस्य बनने से चीन कितना खफा है इसका सबूत चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी 'ग्लोबल टाइम्स' के एडिटोरियल को पढ़कर पता चल जाता है। इस लेख में भारतीयों को स्वार्थी, पाखंडी और अनैतिक बताया गया है।

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और क्या है इस लेख में ?

-ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में ये भी कहा गया है कि भारतीयों में राष्ट्रवाद की कमी है।

-भारत पश्चिमी देशों के साथ खड़े होकर खुद का नुकसान कर रहा है।

-एनएसजी पर मिली नाकामी पर भारतीय मीडिया और राजनेता चीन को कोस रहे हैं, लेकिन वे अपनी कमी पर ध्यान नहीं दे रहे।

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भारत-अमेरिका रिश्ते से भी बेचैन

-अखबार का कहना है, ये बात समझ के बाहर है कि अमेरिका के पीछे भारत क्यों भाग रहा है। अमेरिकी ही पूरा विश्व नहीं है।

-अगर अमेरिका अब भारत की तरफदारी कर रहा है तो इसका अर्थ ये नहीं है कि पूरा विश्व भारत का समर्थन करेगा।

-भारत के प्रति अमेरिकी विदेश नीति सिर्फ और सिर्फ चीन को नियंत्रित करने की है।

-भारतीयों को राष्ट्रवाद को समझने और सीखने की जरूरत है।

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भारत को नसीहत

-लेख में नसीहत देते हुए भारतीयों को कहा गया है कि इन्हें खुद से व्यवहार सीखने की जरूरत है।

-सुपर पावर बनने का सपना देखने वालों को समझना होगा कि ऐसी इच्छा रखने वाले अपनी शर्तों पर नीतियों को प्रभावित करते हैं।

-चीन नियमों को तरजीह देता है। नियम ये है कि एनएसजी में दावेदारी के लिए एनपीटी पर हस्ताक्षर होने चाहिए।



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