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और इस तरह ई. श्रीधरन को किनारे कर लखनऊ में चली सियासी मेट्रो !

नवाबी शहर को मंगलवार (05 अगस्त) को मेट्रो की सौगात मिल गई। सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गवर्नर राम नाईक ने बटन दबाकर जैसे ही मेट्रो का उद्घाटन किया कार्यक्रम स्थल तालियों की गूंज से सराबोर हो गया।

tiwarishalini
Published on: 6 Sept 2017 6:51 AM IST
और इस तरह ई. श्रीधरन को किनारे कर लखनऊ में चली सियासी मेट्रो !
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और इस तरह ई. श्रीधरन को किनारे कर लखनऊ में चली सियासी मेट्रो !

लखनऊ : नवाबी शहर लखनऊ को मंगलवार (05 अगस्त) को मेट्रो की सौगात मिल गई। सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गवर्नर राम नाईक ने बटन दबाकर जैसे ही मेट्रो का उद्घाटन किया कार्यक्रम स्थल तालियों की गूंज से सराबोर हो गया।

मंच पर इन तीनों के अलावा यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्या, डॉ. दिनेश शर्मा और मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, ब्रिजेश पाठक समेत कई बीजेपी के पदाधिकारी मौजूद थे। सभी कैमरे के सामने अपने आप को इस ऐतिहासिक मौके के फ्रेम में दर्ज कराने के होड़ में थे। इन सब से इतर मंच में जो नजारा दिखा, वह बेहद ही आश्चर्यजनक था।

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जी हां, मंच में इन सब के अलावा 85 साल का एक वो शख्स भी मौजूद था, जिन्होंने ना सिर्फ नवाबी नगरी को मेट्रो के सौगात दी। बल्कि कम समय में मेट्रो का निर्माण कर रिकॉर्ड भी कायम किया।

और इस तरह ई. श्रीधरन को किनारे कर लखनऊ में चली सियासी मेट्रो !

अगर हम यूं कहें कि उनके बिना यह काम असंभव था, तो यह कहना गलत नहीं होगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं लखनऊ मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन (एलएमआरसी) के सलाहकार और 'मेट्रो मैन' के नाम से मशहूर पद्म विभूषण ई. श्रीधरन की। इसके अलावा एलएमआरसी के एमडी केशव कुमार को भी किसी ने तवज्जो देना उचित नहीं समझा।

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फोटो में आप साफ तौर से देख सकते हैं, कैसे ई. श्रीधरन सियासी हलचल से दूर सबसे पीछे खड़े हैं। उन पर किसी का ध्यान भी नहीं गया। सार्वजनिक मंच से योगी ब्रिगेड सियासी क्रेडिट लेने में व्यस्त रही।

भारत की पहली सर्वाधिक आधुनिक रेलवे सेवा कोंकण रेलवे के पीछे ई श्रीधरन का प्रखर मस्तिष्क, योजना और कार्यप्रणाली रही है। भारत की पहली मेट्रो सेवा कोलकाता मेट्रो की योजना भी उन्हीं की देन है। आधुनिकता के पहियों पर भारत को चलाने के लिए सबकी उम्मीदें श्रीधरन से ही हैं। यही वजह है कि उनके उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए श्रीधरन को पद्श्री और पद्म भूषण सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। लेकिन शायद ये सभी बातें सत्ता की कुर्सी में विराजमान योगी सरकार भूल गई।

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यहां ये जानना भी जरुरी है कि 22 जून को श्रीधरन ने सीएम योगी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने लखनऊ और कानपुर मेट्रो प्रॉजेक्ट्स के लिए सलाहकार की भूमिका से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। इस पेशकश को सीएम योगी ने सिरे से नकार दिया था और उन्हें और ज्यादा काम पकड़ा दिया था। लेकिन जब मेट्रो कागजों के मानचित्र से निकलकर जमीनी पटरियों पर दौड़ी, तो जो हुआ वह आप तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं।



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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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