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योगी बोले- NIA ने आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई शुरू की

aman
By aman
Published on: 20 Aug 2017 6:10 AM GMT
योगी बोले- NIA ने आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई शुरू की
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योगी बोले- NIA ने आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई शुरू की

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार (20 अगस्त) को एनआईए नवीन परिसर का उद्घाटन किया। इस दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कि एनआईए 2009 में अस्तित्व में आई। अस्तित्व में आने के बाद से अब तक एनआईए की अपनी ऑफिस नहीं था। यह एनआईए का देशभर का पहला स्वंय का आवासीय और ऑफिस परिसर है। सीएम योगी और राजनाथ सिंह के साथ मंच पर डीजीपी सुलखान सिंह, मंत्री महेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। यह एनआईए परिसर चार राज्यों का हेडक्वार्टर है। ये राज्य हैं यूपी, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश।

अपने सम्बोधन में राजनाथ ने कहा, कितना शुभ लक्षण है कि इस परिसर का उदघाटन हो रहा है और योगी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि एनआईए इस वक्त 20 मुख्य मामले और 165 अन्य मामलों की जांच कर रही है। एनआईए साइंटिफिक तरीके से काम करती है। इसका कन्विक्शन रेट 95 प्रतिशत है। यहां पर एनआईए के ऑफिस और फक्शनिंग होने के कारण तेज़ी से काम होता है।

एनआईए परिसर: एक नजर

10,202 वर्ग मीटर यानि ढाई एकड़ भूमि एलडीए द्वारा दी गई। 2013 में 20.57 करोड़ की राशि दी गई, जबकि 2014 में 32.66 करोड़ रुपए जारी करने के साथ ही एनबीसीसी से एमओयू साइन किया। 2015 में राजनाथ सिंह ने ही इसका शिलान्यास किया था। कवर्ड एरिया में तीन ब्लॉक बने हैं। प्रशासनिक भवन 4,129 वर्ग मीटर में सामुदायिक केंद्र 500 वर्ग मीटर में और तीसरा ब्लॉक है आवासीय परिसर जो 4,905 वर्ग मीटर में बना है। एनबीसीसी के अलावा लखनऊ के आर्किटेक्ट अशोक कुमार को सलाहकार नियुक्त किया गया।

एनआईए ने ही रोकी फंडिंग

केंद्रीय गृह मंत्री ने एनबीसीसी के चेयरमैन अनूप कुमार मित्तल को भी बधाई दी। उन्होंने कहा, 'इसका शिलान्यास दिसम्बर 2015 में हुआ था। उस समय मैंने अपेक्षा की थी कि 2017 के उत्तरार्ध में एनबीसीसी अपना काम पूरा कर लेगी। देश के लोग एनआईए की कार्यप्रणाली से परिचित हैं। अभी पत्थरबाजों के लिए होने वाली फंडिंग को रोकने का काम एनआईए ने ही किया है।'

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नक्सलवाद-उग्रवाद में कमी आई

राजनाथ बोले, 'चाहे वो नक्सलवाद का संकट हो या उग्रवाद का, सब पर विजय प्राप्त हो रही है। पूर्वोत्तर के उग्रवाद में 75 फीसदी और नक्सलवाद में 40 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सलवादियों और उग्रवाद के काम को रोकने का काम भी एनआईए कर रही है। उग्रवाद की फडिंग के स्त्रोत को कुंद करने का काम भी एनआईए कर रही है। किसी भी राज्य की इंटेलीजेंस एजेंसी के साथ एनआईए बेहतरीन तरीके से काम करती है।'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी गृहमंत्री के साथ-साथ सभी मौजूद लोगों को बधाई दी। एनआईए डीजी शरद कुमार ने सीएम योगी और गृहमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। पुलिस महानिरीक्षक एनआईए अलोक कुमार ने भी सभी लोगों का आभार जताया।

24 महीने का कार्य 18 महीने में ही पूरा किया

अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा, 'आज का यह कार्य विकास के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसके लिए एनआईए के सभी अधिकारियों और डीजी को बधाई। उन्होंने कहा, 24 महीने में इस कार्य को पूरा होना था लेकिन 18 महीने में ही पूरा कर लिया गया। 2014 के बाद से एनआईए ने आतंकी गतिविधियों पर बहुत प्रभावी कार्य किया है।'

यूपी में एटीएस को मजबूत किया

उन्होंने कहा, 'हमारे पड़ोस के कुछ देश तो ऐसे हैं जिन्होंने आतंकी गतिविधियों को अपनी विदेश नीति का हिस्सा बन लिया है। मैं जिस पूर्वी उत्तर प्रदेश से आता हूं वह नेपाल सीमा से लगा है। जाली नोटों को यहां पहुंचाकर खतरा पैदा किया जाता था। यूपी में एटीएस को मजबूत करने के लिए हमने काम किया। हम आतंकवाद की कमर को तोड़ने के लिए उन पर प्रभावी कार्रवाई करने का काम शुरू कर दिया है।'

हर 6 महीने के भीतर हो बैठक

सीएम आदित्यनाथ ने कहा, 'हर 6 महीने के भीतर एनआईए और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के बीच बैठक की जाए। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमें अपनी एजेंसियों को और अधिक मजबूत करना पड़ेगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ विजयश्री को अवश्य प्राप्त करेगा। कोर्डिनेशन बना रहे इसलिए कम से कम 6 महीने में बैठक जरूर हो।'

राजनाथ का जताया आभार

सीएम योगी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आभार जताया। उन्होंने कहा, उन्होंने यूपी के लिए समय दिया, उनका मैं आभारी हूं। चार दिनों तक संगठन में भी उनका मार्गदर्शन मिला।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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