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CMO ने DIG पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, HC ने किया तलब

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Published on: 18 Jun 2016 3:43 PM GMT
CMO ने DIG पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, HC ने किया तलब
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इलाहाबाद: बाराबंकी जिले में तैनात सीनियर जुडिशियल ऑफिसर की सीएमओ रैंक की पत्नी ने सीआरपीएफ सेंट्रल सेक्टर, लखनऊ में तैनात डीआईजी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

क्या लगाया आरोप ?

सीएमओ डॉक्टर ज्योत्सना शुक्ला का कहना है,कि डीआईजी सीआरपीएफ भानु प्रताप सिंह देर रात तक उसे पार्टी में रुकने को मजबूर करते हैं। ऐसा ना करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी देते हैं। न्यायिक अधिकारी की पत्नी का आरोप है कि डीआईजी की ओर से उसके साथ जेंडर हरासमेंट किया जा रहा है।

दुर्भावनावश किया गया तबादला

ज्योत्सना का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से उनके पति बतौर सिविल जज सीनियर डिवीज़न बाराबंकी जिले में तैनात हैं। उनकी यह तैनाती ज्योत्सना के सीआरपीएफ, लखनऊ में तैनाती को देखते हुए की गई है। लेकिन दुर्भावनावश डीआईजी के इशारे पर आईजी ने उनका तबादला नीमच, मध्यप्रदेश कर दिया है।

ये आरोप सीएमओ डॉक्टर शुक्ला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने तबादले के खिलाफ याचिका दायर कर लगाया है।

कोर्ट ने तबादले पर लगाई रोक

जस्टिस एस.एन शुक्ला तथा जस्टिस सुनीत कुमार की बेंच ने सीआरपीएफ, लखनऊ में सीएमओ डॉक्टर ज्योत्सना शुक्ला के लखनऊ से नीमच किए गए तबादले को दुर्भावनापूर्ण मानते हुए इस पर रोक लगा दी है।

हाईकोर्ट ने डीआईजी सीआरपीएफ से मांगा जवाब

कोर्ट ने सीआरपीएफ के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस बीच वे चाहें तो तबादला आदेश को संशोधित कर यूपी में कहीं भी उचित स्थान पर याची डॉक्टर शुक्ला को तैनात कर दें। हालांकि याचिका में डीआईजी सीआरपीएफ सेंट्रल सेक्टर भानु प्रताप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, इस कारण हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब-तलब किया है।

डीआईजी और सीआरपीएफ की तरफ से उनके वकील के.एस. पवार का कहना था कि डीआईजी पर यौन उत्पीड़न का आरोप सही नहीं है।

कोर्ट ने ट्रांसफर को बताया दुर्भावना

बहरहाल हाईकोर्ट ने पहली नजर में याची की ओर से लगाए गए आरोपों को सही माना है। कोर्ट ने ट्रांसफर को दुर्भावना से युक्त मानते हुए उस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रदुम्न कुमार सिंह को भी नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है।

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