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जवाहर बाग कांडः कमिश्नर ने कहा-15 दिन में शासन को देंगे जांच रिपोर्ट
मथुराः दो जून को हुए जवाहर बाग हत्याकांड की जांच कर रहे डिवीजनल कमिश्नर चंद्रकांत ने कहा है कि वह 15 दिन के अंदर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। इस दौरान उन्होंने पूरे जवाहर बाग का निरीक्षण किया। चंद्रकांत को इस पूरे मामले की जांच के लिए नियुक्त किया गया है।
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चंद्रकांत ने लिए घायलों के बयान
-अलीगढ़ मंडल के डिविजनल कमिश्नर चन्द्रकांत रविवार को मथुरा आए।
-लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले में आयुक्त ने सर्वप्रथम डीएम राजेश कुमार, एसएसपी डा०राकेश सिंह, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट रामअरज यादव आदि अधिकारियों से घटना के संबंध में बयान दर्ज किए।
-इसके बाद चंद्रकांत राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित नियति हॉस्पिटल पहुंचे, वहां भी उन्होंने घायलों के बयान लिए।
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15 दिन में शासन को देंगे रिपोर्ट
-अलीगढ़ कमिश्रर चन्द्रकांत ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच कर 15 दिन में शासन को रिपोर्ट सौंप देंगे।
-उन्होंने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट में भविष्य में इस तरह की घटना पर कैसे अंकुश लगाया जा सके, इस पर सुझाव ।
-इसके साथ घटना क्यों हुई, कार्य योजना में कमी थी कि नहीं, जिला स्तर पर कहां चूक हुई, इन सब की भी जांच करेंगे।
-इन सब बातों को लेकर वह निरंतर डाक बंगले में बयान भी लेंगे। जो तथ्य प्रकाश में आएंगे उनको अपनी रिपोर्ट में निष्पक्ष शासन को प्रेषित किया जाएगा।
-इस दौरान आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी अजय मोहन शर्मा भी मौजूद रहे।
डिविजनल कमिश्नर अगले हफ्ते फिर आएंगे
अलीगढ़ डिविजनल कमिश्नर चन्द्रकांत ने मौखिक निर्देश दिए हैं कि इस घटना के कारणों, घटनाक्रम या किन्ही महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर यदि कोई तथ्य किसी भी व्यक्ति,पक्ष को लिखित या मौखिक रूप से उनके संज्ञान में लाना हो तो वह अगले सप्ताह मथुरा स्थित लोक निर्माण विभाग के डाक बंगला पर उनसे संपर्क कर सकते हैं। तिथि एवं समय की सूचना बाद में दी जाएगी।
प्रशासन ने भेजी शासन को रिपोर्ट
जवाहरबाग की घटना को लेकर जिला प्रशासन ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इस रिपोर्ट में कब्जाधारियों के विरुद्ध जारी किए गए नोटिस, मुनादी, शासन से पत्रचार व फोर्स की मांग और कार्रवाई के लिए उठाए गए कदम की पूरी जानकारी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जवाहरबाग प्रकरण में स्थानीय स्तर पर कहीं कोई चूक नहीं हुई थी। जवाहरबाग प्रकरण को लेकर सीएम अखिलेश यादव ने शासन के माध्यम से मामले की रिपोर्ट मांगी थी।
डीएम राजेश कुमार ने क्या कहा
रिपोर्ट में डीएम ने बताया है कि सात मार्च 2014 से जवाहरबाग में केवल दो दिन की स्वीकृति लेकर आने वाले तथाकथित सत्याग्रहियों ने बाद में अवैध रूप से यहां पर अपना कब्जा जमा लिया। इस बीच बार-बार कहे जाने के बाद भी यह लोग जवाहरबाग से नहीं गए, जबकि उनकी मांग के अनुरूप उन्हें बाबा जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाणपत्र भी दे दिया गया। इस बीच कई बार वार्ता के लिए गए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ कब्जाधारियों ने मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा डाली।
रिहर्सल के दौरान कब्जाधारियों ने बोला हमला
कब्जेदारों के विरुद्ध एक दर्जन से अधिक केस दर्ज थे। इनके लिए कई बार नोटिस भी जारी किए गए। जवाहरबाग को खाली कराने में शासन से मांगे गए फोर्स के साथ कार्रवाई की रिहर्सल की गई। जवाहरबाग को खाली कराने में की गई प्लानिंग सटीक थी और उसी के तहत कार्रवाई की जानी थी। जवाहरबाग से स्वेच्छा से जाने वालों के लिए बाहरी बाउंड्रीवाल भी तोड़ी गई और इसीलिए कई दिनों से मुनादी कराई जा रही थी। रिहर्सल के दौरान ही कब्जाधारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।