संकट मोचन मंदिर में गुलाम अली के कार्यक्रम के खिलाफ कोर्ट में परिवाद

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Published on: 27 April 2016 9:07 AM GMT
संकट मोचन मंदिर में गुलाम अली के कार्यक्रम के खिलाफ कोर्ट में परिवाद
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वाराणसी: संकट मोचन मंदिर में गुलाम अली के कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। गुलाम अली को मूर्ति पूजा का विरोधी बताते हुए उनके कार्यक्रम से धार्मिक भावनाएं आहत होने, मानहानि, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगा कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। एक मई को इस मामले की सुनवाई होगी।

संकटमोचन मंदिर के महंत बिश्वमभर नाथ मिश्रा, संकटमोचन फाउंडेशन और संकटमोचन संगीत समारोह के अज्ञात आयोजक मंडल पर आईपीसी की धारा 295-ए,298, 500, (505(1)(बी), और 511 के तहत जेएम फर्स्ट कोर्ट में परिवाद वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने दायर की है।

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वकील ने आरोप लगाया गया कि महंत ने हनुमान जी की मर्यादा, मंदिर की गरिमा और भक्तों की आस्था पर जानबूझकर चोट करने के लिए मूर्तिपूजा विरोधी पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली से गजल गाने को बुलाय गया। यह राजनीति, पैसा कमाने और प्रचार-प्रसार के लिए सांप्रदायिक सद्भाव के नाम पर किया गया।

वकील की ओर से दायर परिवाद वकील की ओर से दायर परिवाद

वकील का कहना है

-संकटमोचन मंदिर का परिसर हनुमान जी के स्वरूप और चरित्र के अनुरूप मात्र पूजा पाठ, भजन कीर्तन, रामधुन और दर्शन पूजन के लिए है।

-मंहत मनमर्जी कर इसे थिएटर और मनोरंजन केंद्र बना रहे हैं।

-महंत ने मूर्तिपूजा विरोधी गुलाम अली को सार्वजनिक रूप से हनुमान जी तस्वीर भेंट की।

-इसे मूर्तिपूजा में विश्वास न रखने वाले गुलाम अली तिरस्कृत करेंगे।

-संकटमोचन फाउंडेशन गंगा स्वच्छता के लिए पंजीकृत है। इसने नियमों के खिलाफ आस्था आहत करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया।

-महंत के कार्यों के कारण भगवा वस्त्र और साधुओं को प्रशासन ने संदेहास्पद मानकर अपमानित किया।

-डीएम और एसएसपी को प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कार्यवाही नहीं जाने से कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराकर दंडित करने की मांग की गई।

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