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कांग्रेस-बीएसपी के रिश्ते पड़ रहे प्रीति पर भारी, RS की राह मुश्किल
लखनऊः इसे कांग्रेस और बीएसपी के बीच बन रहे नए रिश्तों की बानगी कहें या बीजेपी का रास्ता रोकने का सबब, उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बचाने और मध्य प्रदेश में राज्यसभा के कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में खड़ी होने वाली बीएसपी यूपी में भी कांग्रेस के पक्ष में खड़ी होने जा रही है। कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल के पक्ष में मतदान का एलान कभी भी बसपा सुप्रीमो कर सकती हैं।
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नए राजनीतिक रिश्तों से बदली हवा
इस नए रिश्ते की तर्ज पर ही सपा और अजित सिंह की आरएलडी का भी रिश्ता बन रहा है। राजनीतिक दलों में बन रहे नए गठजोड़ ने बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्रा की पेशानी पर बल डाल दिया है। हालांकि विधान परिषद में इस तरह की परेशानी की शिकार कांग्रेस है। बीजेपी ने अपने समर्थन से प्रीति महापात्रा को उतार कर इस पूरे चुनाव को रोचक बना दिया है। शुरुआती दौर में लगता था कि बीजेपी ने जिस तरह सभी राजनीतिक दलों में सेंधमारी शुरु की है, उससे प्रीति की जीत के रास्ते खुल जाएंगे, लेकिन सपा-आरएलडी और कांग्रेस-बीएसपी के बीच बन रहे रिश्तों ने प्रीति महापात्रा की जीत की संभावना पर पानी फेर दिया है। हालांकि, अभी तक की सभी दलों में चल रही सेंधमारी में बीजेपी ने यह कामयाबी हासिल कर ली है कि सपा, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी किसी के गढ़ पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
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प्रीति महापात्रा ने तेज की सेंधमारी
प्रीति महापात्रा खेमे ने कांग्रेस में भी सेंधमारी की है। बीएसपी में भी कुछ विधायक प्रीति को वोट करेंगे। समाजवादी पार्टी के भी विधायक प्रीति के पक्ष में मतदान करते नजर आएंगे। आरएलडी में अपने विधायकों का जिम्मा भले ही अजित सिंह ने ले लिया हो, लेकिन उसमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों सेंधमारी करने में कामयाब होंगे। इस चुनाव में भले ही दिक्कत बीजेपी समर्थित प्रीति को हो रही हो, लेकिन उन्होंने अपनी मौजूदगी से बता दिया है कि किसी का गढ़ सुरक्षित नहीं है। साथ ही किसी भी विधायक के लिए बीजेपी में प्रवेश के लिए ये चुनाव गेट-वे भी हैं।