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पत्नी को दबंग ने नहीं लेने दिया पानी, दलित ने खुद खोद डाला कुआं
नागपुरः पत्नी को दूसरे शहर के हॉस्पिटल ले जाने की राह में जब पहाड़ आ गया, तो दशरथ मांझी ने उस पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी। कुछ इसी तरह महाराष्ट्र में एक शख्स ने ऐसा काम कर दिखाया है। जब इस शख्स की पत्नी को अगड़ी जाति के एक दबंग ने अपने कुएं से पानी नहीं भरने दिया, तो उसने अपने दम पर एक कुआं खोद डाला।
क्या है मामला?
-वाशिम जिले के कलाम्बेश्वर गांव में बापूराव ताज्ने परिवार के साथ रहता है।
-दलित होने की वजह से अगड़ी जाति के एक शख्स ने उसकी पत्नी को कुएं से पानी नहीं भरने दिया।
-पत्नी ने इसकी जानकारी दी, तो बापूराव ने खुद का कुआं खोदने की ठान ली।
हौसले को सलाम
-बापूराव ताज्ने मालेगांव गया और जमीन खोदने का सामान लाया।
-40 दिन तक रोज छह घंटे वह कुआं खोदता था।
-उसने खुदाई उस वक्त तक जारी रखी, जब तक पानी नहीं निकल आया।
क्या कहना है बापूराव का?
-बापूराव के अनुसार पत्नी की बात सुनकर वह रोया था।
-ठान लिया कि आगे से किसी से पानी नहीं मांगेंगे।
-कुआं खोदने में परिवार के लोगों ने भी मदद नहीं की।
-सब सोचते थे कि बापूराव ताज्ने पागल हो गया है।
क्या है अब गांव का हाल?
-यहां अब बापूराव के कुएं से गांव के सारे दलित पानी भरते हैं।
-उसके संकल्प की लोग यहां दाद दे रहे हैं।
-ये चट्टानी इलाका है, जहां तीन कुएं और एक बोरवेल सूखे हुए हैं।