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मुस्लिमों में कम हो रही हैं लड़कियां, दारुल उलूम गर्भपात के खिलाफ

Rishi
Published on: 8 Jun 2016 6:24 AM IST
मुस्लिमों में कम हो रही हैं लड़कियां, दारुल उलूम गर्भपात के खिलाफ
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देवबंदः देश में बेटियों की संख्या बेटों के बराबर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की है। इस बीच देश के प्रमुख इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देववंबद ने भी मुस्लिमों में लिंगानुपात के बढ़ते अंतर पर चिंता जाहिर की है। दारुल उलूम ने कन्या भ्रूण की हत्या के खिलाफ फतवा जारी किया है। दारुल उलूम ने कहा है कि ये गैरकानूनी और इस्लाम के खिलाफ है।

क्या कहा दारुल उलूम ने?

-दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना अशरफ उस्मानी ने कन्या भ्रूण हत्या के लिए गर्भपात को गलत बताया।

-उन्होंने कहा कि दारुल उलूम की ओर से इस बारे में पहली बार फतवा जारी किया गया है।

-उस्मानी के मुताबिक कन्या भ्रूण की हत्या गैर इस्लामी है और अल्लाह ऐसे लोगों को गलत बताते हैं।

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मुस्लिमों में लिंग अनुपात कितना?

-साल 2001 में 6 साल के 1000 बच्चों में लड़कियों की संख्या 950 थी।

-साल 2011 में ये आंकड़ा प्रति 1000 बच्चों में गिरकर 943 हो गई थी।

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फतवे में और क्या?

-फतवे में कहा गया है कि मुस्लिमों को अपनी बेटियों की देखभाल अच्छे से करनी चाहिए।

-बेटियों को पहले जिंदा दफना देते थे, लेकिन कुरान में इसे गलत बताया गया है।

-मुस्लिम समुदाय में बेटियों का बहुत सम्मान होता है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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