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गोरखपुर यूनिवर्सिटी में दीनदयाल उपाध्याय चेयर बनाने का स्मृति का एलान
गोरखपुर: केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी को नायाब तोहफा दिया है। यूनिवर्सिटी में दीनदयाल उपाध्याय चेयर स्थापित की जाएगी। इस चेयर को स्थापित करने के बाद एक बार फिर बीजेपी कांग्रेस के निशाने पर आ गई है।
क्या होगा चेयर के स्थापित होने से
-किसी भी यूनिवर्सिटी में चेयर के स्थापित होने के बाद उस विषय से जुड़े शोध शुरू होते हैं।
-यूनिवर्सिटी में अब इस चेयर की स्थापना हो गई तो कम से कम एक प्रोफेसर इस चेयर में एप्वाइंट हो जाएगा।
-चेयर के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन, काम, विचार और विचारधारा पर शोध को बढ़ावा मिलेगा।
-इस चेयर के बाद इससे जुड़ी फेलोशिप भी दी जा सकेगी।
-इससे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को प्रसार भी मिल सकेगा।
कांग्रेस ने कहा- अब स्मृति ईरानी चेयर बना लें
काग्रेस ने इस चेयर के स्थापित होने पर एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस के विधायक विवेक सिंह ने newztrack से कहा कि इस देश में ना तो विचारों की कमी है ना ही व्यक्तित्व की।ऐसे में क्यों ना राम पर चेयर बने, क्यों ने तुलसीदास और वाल्मीकी पर बने, क्यों न कबीर पर बने क्यों न गांधी पर बने। क्यों सिर्फ एक खास विचारधारा के प्रतीक पुरुष रहे। व्यक्ति पर चेयर बनाई जा रही है। साथ ही चुटकी भी ली कि अगर इसी तरह चलाना है तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्मृति ईरानी पर चेयर बना देता है। वह खुद ही शोध का विषय हैं।
क्या हो सकती है इस चेयर की राजनीति
इस चेयर को खास पूर्वांचल के सबसे प्रमुख यूनिवर्सिटी में स्थापित किया है। ऐसे में अगर विचारधारा पर शोध होता है, सेमिनार होता है तो यह साफ है कि विचारधारा का प्रचार प्रसार होगा। इस चेयर की स्थापना से ही पूर्वांचल में राजनीति गर्म हो सकती है। साथ ही विचारधारा के प्रसार से लांगटर्म इंट्ररेस्ट भी हासिल किया जा सकता है।