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केजरीवाल ने गुरु को दिया धोखा? स्वर्ण मंदिर में धोए पहले से साफ बर्तन

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Published on: 18 July 2016 12:06 PM GMT
केजरीवाल ने गुरु को दिया धोखा? स्वर्ण मंदिर में धोए पहले से साफ बर्तन
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अमृतसर: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रात के तीन बजे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में थे। केजरीवाल स्वर्ण मंदिर में भूलबक्श यानी माफी मांगने के लिए पहुंचे थे। गौरतलब है कि बीते दिनों आम आदमी पार्टी धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर विवादों में घिरी थी। माना जा रहा है कि उसी विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे। लेकिन वहां वो बर्तन साफ करने को लेकर नए विवाद में घिरे नजर आ रहे हैं।

साफ बर्तनों को धोने का आरोप

-हालांकि अरविंद केजरीवाल एक विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए स्वर्ण मंदिर गए थे लेकिन वहां दूसरा ही विवाद खड़ा हो गया।

-आरोप है कि सेवा देने के लिए केजरीवाल ने जिन बर्तनों को साफ किया असल में वो पहले से ही साफ थे।

-केजरीवाल की इस सेवा ने एक नया विवाद तो खड़ा कर ही दिया है.

-रविवार को केजरीवाल जब अमृतसर पहुंचे तो उन्हें कई जगह हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा।

-केजरीवाल के खिलाफ कई जगह नारे लगे तो कहीं लोगों ने काले झंडे दिखाए।

बीजेपी सांसद और संसदीय कार्य राज्य मंत्री एस एस आहलुवालिया ने सोमवार को संसद भवन परिसर में कहा कि सुबह-सुबह ये बात सामने आई कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिखों के पवित्र स्थान श्री हरमंदिरजी साहब के लंगर परिसर में धोये हुए बर्तन को पुन: साफ किया।

सिखों की भावनाओं से किया खिलवाड़

अहलुवालिया ने कहा, आज सुबह टीवी और मीडिया में सिखों के पवित्र स्थान श्रीहरमंदिर साहब के लंगर परिसर में धोए हुए बर्तनों को फिर साफ करते केजरीवाल की खबर को देखा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, जो अपराध केजरीवाल सिखों की धार्मिक आस्था पर आघात करके किया उस पर फिर से एक फरेब करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को गुरूद्वारे में नम्रता का प्रतीक बनकर जाने का विचार आता है तब गुरूद्वारे के द्वार पर जोड़ाघर के धुल को सिर पर लगाकर धन्य हो सकता है लेकिन केजरीवाल सीधे लंगर भवन पहुंच गए। भाजपा नेता ने कहा कि केजरीवाल एवं उनकी पार्टी ने सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।

क्या था धर्मग्रंथ विवाद ?

-गौरतलब है कि बीते 3 जुलाई को अमृतसर में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी हुआ था।

-आरोप है कि आप नेता आशीष खेतान ने घोषणापत्र की तुलना गीता, बाइबल, गुरु ग्रन्थ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों से की थी।

-इतना ही नहीं घोषणा पत्र पर स्वर्ण मंदिर के साथ झाड़ू की एक तस्वीर को लेकर भी सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था।

उल्लेखनीय है कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस विवाद में फंसने की वजह से केजरीवाल की परेशानी और बढ़ सकती है। लिहाजा इसी विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए वो सेवा देने हरमंदिर साहब पहुंचे थे।

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