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पहली बार साथ आए देवबंदी-बरेलवी, संदिग्ध आतंकी के परिवार से मिले
सहारनपुर: विचारधारा को लेकर देवबंदी और बरेलवी उलेमाओं में हमेशा से ही मतभेद रहा है। दोनों ही विचारधाराओं के उलेमा अपनी-अपनी विचारधारा को सही ठहराने का दावा करते हैं। रविवार को पहली बार ऐसा हुआ जब बरेलवी विचारधारा के मुस्लिम विद्वान तौकिर रजा खां देवबंद पहुंचे और दारुल उलूम में उलेमाओं से भेंट की।
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इसके बाद मौलाना तौकीर रजा ने जेल में बंद संदिग्ध आतंकी शाकिर के परिजनों और मोहल्लेवासियों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
शाकिर की माता से मुलाकात करते मौलाना तौकीर रजा
बता दें, कि 4 मई की सुबह दिल्ली पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने मोहल्ला बड़जिया उल हक में रहने वाले सईद अंसारी के मकान पर छापेमारी करते हुए उसके बेटे शाकिर अंसारी (24) को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मोहल्लेवासियों से शाकिर के संबंध में जानकारी लेते मौलाना तौकीर रजा
मौलाना तौकीर रजा बरेलवी ने कहा
-रविवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे देवबंद पहुंचे नबीरा आला हजरत और इत्तिहाद मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा बरेलवी ने दारुल उलूम देवबंद के गेस्ट हाउस में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की।
-इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान किसी कीमत पर भी आतंकवादी नहीं हो सकता।
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-देश की सरकारें, शासन, प्रशासन और मीडिया आरएसएस के एजेंडे पर काम कर मुसलमानों को बदमान करने की साजिशे रच रहे हैं।
-मुस्लिम नौजवानों को आतंकवाद के नाम पर जेलों में ठूसा जा रहा है।
-फिर 10-15 साल बीत जाने के बाद न्याय के नाम पर उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया जाता है।
कौम के मुद्दे पर दोनों विचारधाराओं के उलेमा एकजुट
-मौलाना ताकीर ने सख्त लहजे में कहा- देशभर में मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
-हम उलेमा-ए-देवबंद के बीच पहुंचकर इस्लाम विरोधी सभी ताकतों को यह संदेश देना चाहते हैं कि देवबंदी और बरेलवियों के बीच विचारधाराओं का मतभेद हो सकता है।
-लेकिन कौम के मुद्दे पर दोनों मसलकों (विचारधाराओं) के उलेमा एकजुट हैं।
-इस दौरान दोनों मसलकों के उलेमा ने देशभर में केवल शक के आधार पर आतंकवादी बताते हुए पकड़े जा रहे मुस्लिम बेकसूर युवाओं की लड़ाई मजबूती के साथ लड़ने पर जोर दिया।