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सूर्य ग्रहण पर वाराणसी के घाटों पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी
वाराणसी: फाल्गुन का महीना में कृष्ण पक्ष की अमावस्या बुधवार को 320 साल बाद कुंभ राशि पर पंचग्रही योग में सूर्य ग्रहण हुआ। देश के पश्चिमोत्तर भाग को छोड़ कर ग्रहण सभी जगह आंशिक रुप से दिखाई दिया । कहते हैं ग्रहण में भोले की नगरी काशी में स्नान का विशेष महत्व होता है, सूर्य ग्रहण पर हजारों भक्तों ने यहां गंगा स्नान कर दान-पुण्य किया।
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दरअसल वाराणसी में सूर्य ग्रहण 6.13पर शुरू हुआ और 6.47 पर खत्म हुआ। इस दौरान लगभग 34 मिनट का सूर्य ग्रहण वाराणसी में दिखाई दिया। भक्तों ने ग्रहण काल में गंगा घाट के किनारे ध्यान किया और मोक्ष काल के समय स्नान-दान किया, और इस दौरान 8 मार्च को शाम 5.09 मिनट से सूतक के चलते काशी विश्वनाथ सहित सभी मंदिरों के पट 9घंटे पहले बंद कर दिए गए थे।
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