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DM किंजल के विरोध में स्ट्राइक, दुधवा में सुरक्षा-सफाई दोनों बंद

Newstrack
Published on: 16 Feb 2016 5:57 PM IST
DM किंजल के विरोध में स्ट्राइक, दुधवा में सुरक्षा-सफाई दोनों बंद
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लखनऊ: दुधवा नेशनल पार्क में डीएम किंजल सिंह से नाराज गार्डों का प्रदर्शन मंगलवार को एक कदम और आगे बढ़ गया। इसके बाद अब दुधवा पार्क सुरक्षा और सफाई दोनों से महरूम हो गया है। वह इसलिए क्योंकि मांगें न माने जाने पर गार्डों ने अपने हथियार और सफाई कर्मियों ने झाड़ू जमा कर दिया है। प्रदर्शन के बढ़ते दायरे के बाद अब इससे निपटना शासन व प्रशासन के लिए भी मुश्किल साबित हो रहा है।

बाघों की मैपिंग के लिए लगे कैमरे भी जमा करेंगे कर्मचारी

अभी तक गार्डों ने अपने राजकीय असलहे और सफाई कर्मियों ने झाड़ू जमा किए हैं। पर अब कर्मचारी पार्क में लगे कैमरे भी जमा करने की तैयारी मे हैं। फेडरेशन ऑफ फारेस्ट फॉरेस्ट एसोसिएशन के रामकुमार का कहना है कि पार्क में जगह-जगह कैमरे लगे हैं। इससे बाघों की लोकेशन देखी जाती है। पार्क के कर्मचारी अब अपने हथियार जमा कर चुके हैं और हड़ताल पर हैं। ऐसे में कैमरे चोरी हो सकते हैं, जिसका पैसा उनकी सैलरी से काटा जाता है। इसको देखते हुए अब कर्मचारियों ने कैमरे भी जमा करने का निर्णय लिया है।

क्या कहते हैं डिप्टी डायरेक्टर

दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर पीपी सिंह का कहना है कि हड़ताल को लेकर कर्मचारी एसोसिएशन से बात चल रही है। इसके आगे कुछ भी बता पाने में उन्होंने असमर्थता जताई।

पर्यटकों के लिए अब दुधवा आना खतरे से खाली नहीं

ऐसे में अब पर्यटकों के लिए दुधवा नेशनल पार्क आना खतरे से खाली नहीं है। कर्मचारियों की हड़ताल के बाद अब पार्क में पूरी तरह सन्नाटा छा गया है। बिना सुरक्षा के पर्यटक भी पार्क में घूमने नहीं जा सकते। फिर भी यदि पर्यटक पार्क घूमने जाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी सुरक्षा का दायित्व खुद ही लेना होगा। डीएम से सुरक्षा की मांग करनी होगी और तभी दुधवा का भ्रम​ण संभव होगा।

कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से ठप है टूरिज्म

दुधवा नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने बीते कई दिनों से डीएम किंजल सिंह को हटाने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार कर रखा है। इससे दुधवा में टूरिज्म लगभग ठप पड़ा है। थारूहट में सन्नाटा छाया हुआ है।

हथियार जमा करते कर्मचारी हथियार जमा करते कर्मचारी

समझौते बाद भी डीएम के स्टाफ ने कर्मचारी को पीटा

डीएम किंजल सिंह को हटाने की मांग को लेकर फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट एसोसिएशन अड़ा है। एसोसिएशन के रामकुमार ने बताया कि पूर्व में हुए समझौते के बाद भी डीएम के स्टाफ ने दुधवा के कर्मचारी को पीटा और यहां की दो जिप्सी गाड़ियों को सीज कर दिया। इसके बाद से कर्मचारी आक्रोशित हैं।

क्या है मामला?

अपने काम को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाली डीएम किंजल सिंह इस मामले में उस वक़्त विवादों में आई थीं, जब उनके ऊपर दुधवा पार्क में घुसकर नियमों को तोड़ने का आरोप लगा था। उन पर लगे आरोपों में डिप्टी डायरेक्टर से अभद्रता करने और कर्मचारियों का मानसिक शोषण का आरोप भी था। उस वक़्त फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट एसोसिएशन ने सीएम को खत लिखकर बताया था कि डीएम किंजल सिंह कानून तोड़ते हुए रात को काफिले के साथ पार्क में घुस जाती हैं और लाउड म्यूजिक बजाती हैं। सीएम ने इस शिकायत पर एक्शन लेते हुए मुख्य सचिव को दोनों पक्ष की बात सुनकर मामले को ख़त्म करने की बात कही थी।



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