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NIA कराएगी बरामद पदार्थ की जांच, रिपोर्ट के बाद FIR दर्ज कर शुरू होगी जांच 

Rishi
Published on: 15 July 2017 5:54 PM IST
NIA कराएगी बरामद पदार्थ की जांच, रिपोर्ट के बाद FIR दर्ज कर शुरू होगी जांच 
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लखनऊ : यूपी विधानसभा में मिले विस्फोटक की जाँच फिलहाल अभी तक एनआईए ने न तो शुरू की है, और न ही कोई एफआईआर दर्ज की है। यूपी एटीएस के साथ एनआईए की टीम विधान सभा में शुरुवाती जांच कर रही है। एनआईए के अफसरों की माने तो अभी तक एनआईए ने इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।

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एनआईए यूपी की फॉरेंसिक लैब पर फिलहाल भरोसा करने को तैयार नहीं है, इसी लिए बरामद विस्फोटक पदार्थ की अब एनआईए जांच कराने की तैयारी में है।

लखनऊ की फॉरेंसिक लैब ने यूपी विधानसभा में मिले संदिग्ध पाउडर को PETN विस्फोटक बताया था जिस के बाद इस मामले की जांच एनआईए से कराने का फैसला लिया गया था।

यूपी एटीएस की टीम के साथ एनआईए की टीम ने विधानसभा पहुँच कर प्रारंभिक जांच की है. लेकिन अब तक इस मामले में एनआईए ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है। एनआईए के सूत्रों की माने तो लखनऊ की फॉरेंसिक लैब में PETN की पुष्टि हुई है, लेकिन एनआईए को इस जांच पर भरोसा नहीं है।

यही वजह है, एनआईए अब विधान सभा में बरामद संदिग्ध पदार्थ की खुद जांच कराने की तैयारी में है। और जब रिपोर्ट आ जायेगी उसके बाद ही एनआईए एफआईआर दर्ज कर इस मामले की विधिवत जांच शुरू करेगी। फिलहाल इस मामले की जांच यूपी एटीएस कर रही है।

लेकिन एटीएस ने भी इस मामले में अलग से कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।

एसएसपी एटीएस उमेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक़ जांच के दौरान सब से अहम सुराग सीसीटीवी से मिल सकता था, लेकिन विधान सभा के अन्दर लगा सीसीटीवी सिर्फ कार्यवाही के दौरान ही चलता है. जिस की वजह से अब तक यह पता नहीं लग सका है, कि आखिर यह पदार्थ विधान सभा के अन्दर कौन लाया था. ऐसे में फिलहाल एटीएस के हाथ खाली हैं।

जाँच के दौरान एटीएस की टीम ने पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज कुमार पांडेय का बयान दर्ज किया है, एसएसपी एटीएस उमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया है, कि जिस कुर्सी पर मनोज पांडेय बैठे थे वही से विस्फोटक बरामद किया गया था, इसी लिए मनोज पाण्डेय का बयान दर्ज किया गया है। और अगर ज़रुरत हुई तो एटीएस की टीम मनोज पांडेय से पूछताछ भी कर सकती है।

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इसके अलावा यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के प्रकरण में निम्नवत 15 अधिकारियों/कर्मचारियों से एटीएस ने पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं।

01 अखिलेश कुमार (अस्सिस्टेंट इंजीनियर)

02 वीरेंद्र दुबे (जीई)

03 यतींद्रनाथ सिंह (जीई)

04 गुलफाम (एसी ऑपरेटर)

05 सुरेश कुमार दुबे (अवर अभियंता)

06 राकेश कुमार सिंह (मुख्य आरक्षी सुरक्षा)

07 अशोक कुमार (बीडीएस टीम)

08 सुरेश कुमार राजभर (व्यवस्थापक)

09 राजकुमार पाल (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

10 अनिल कुमार (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

11 मनोज कुमार (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

12 समीम अब्बासी (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

13 विनय मिश्रा (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

14 हनीफ (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)

15 मदन बाल्मीक (चतुर्थ श्रेणी कर्मी)



Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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