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EXCLUSIVE: क्रिकेट में खेले बड़े खेल, फारुख अब जा सकते हैं जेल

Newstrack
Published on: 15 July 2016 4:58 PM IST
EXCLUSIVE: क्रिकेट में खेले बड़े खेल, फारुख अब जा सकते हैं जेल
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yogesh mishra Yogesh Mishra

नई दिल्‍लीः खेल से खेलने का शौक जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला को महंगा पड़ने वाला है। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में हुई वित्तीय अनियमितताओं के लिए जल्द ही सीबीआई फारुख अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट पेश करने वाली है। उन पर वित्तीय अनियमितताओं के साथ पद के दुरुपयोग के भी कई पुख्ता सबूत सीबीआई के हाथ लगे हैं।

क्या डकार गए करोड़ों?

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के तकरीबन 34 करोड़ रुपए तो फारुख ने कोषाध्यक्ष का काम देख रहे एहसान मिर्जा से साठ-गांठ कर अपने खाते में डालकर गोलमाल कर लिया। क्रिकेट की इस अनियमितता की जांच सीबीआई हाईकोर्ट के आदेश पर कर रही है। जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर माजिद याकूब डार ने वहां के क्रिकेट एसोसिएशन में हुई भारी अनियमितता को लेकर याचिका दायर की थी। उनकी याचिका की सुनवाई के बाद 25 अगस्त 2015 को हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन की अनियमितता की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

सीबीआई को तफ्तीश में क्या मिला?

तफ्तीश में सीबीआई ने पाया कि जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पद पर रहते हुए फारुख अब्दुल्ला ने संस्था के पैसों का जमकर दुरुपयोग किया। इसके लिए उऩ्होंने पद का भी दुरुपयोग किया। एहसान मिर्जा के 2011 में ही कोषाध्यक्ष का चुनाव हार जाने के बाद भी चार साल तक उसे वित्तीय लेन-देन का प्रभार सौंप दिया। मिर्जा के हाथ ये काम आने के बाद फारुख के लिए जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में जमा धनराशि इधर-उधर करने का रास्ता साफ हो गया।

आरोप के मुताबिक जम्मू-कश्मीर एसोसिएशन के 113 करोड़ रुपए का गोलमाल फारुख के कार्यकाल में हुआ। सीबीआई के हाथ लगे दस्तावेज इसकी पुष्टि करते हैं कि तकरीबन 34 करोड़ रुपए ऐसे थे, जिसे एहसान मिर्जा की मदद से उन्होंने अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिए। एसोसिएशन के पास इन रुपयों का कोई हिसाब-किताब नहीं है।

बैंककर्मियों से भी की पूछताछ

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के पैसे के गोलमाल में सीबीआई ने कई बैंकों के अधिकारियों से भी पूछताछ की है। इसमें राज्य का प्रमुख बैंक जम्मू एंड कश्मीर बैंक भी शामिल है। दिलचस्प ये है कि एहसान मिर्जा ने सीबीआई की तफ्तीश के दौरान वायदामाफ गवाह बनने की गुजारिश की थी। हालांकि सीबीआई के पास इस गोलमाल को लेकर इतने सुबूत हैं कि उसे एहसान मिर्जा के इस प्रस्ताव पर अमल करने की जरूरत नहीं पड़ी।

35 साल तक गोलमाल

फारुख अब्दुल्ला 1980 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उन्हें इमाम अंसारी ने चुनाव में हराया, लेकिन क्रिकेट में अकूत संपत्ति से खेलने के आदी हो चुके फारुख ने मामला कोर्ट में घसीट लिया। यहां तक कि एसोसिएशन के दो फाड़ करने की कोशिश की। फारुख अब्दुल्ला की पहुंच का नतीजा था कि जब उनकी अध्यक्षता वाली कमेटी और इमाम अंसारी की कमेटी अलग-अलग ग्राउंड पर खिलाड़ियों का चयन कर रही थी, तो बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने दखल देने तक से इनकार कर दिया था।



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