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फर्रुखाबाद हादसा: ऑक्सीजन नहीं संवेदनहीनता को बताया मौतों की वजह
लखनऊ: यूपी के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने इस बात से साफ इंकार किया है कि फर्रुखाबाद जिले में भी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज जैसा हादसा हुआ है और बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है। फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 30 दिनों में करीब 49 बच्चों की मौत पर जिला प्रशासन ने जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करा दी है। जांच में बच्चों की मौत लापरवाही और इलाज में कमी होना बताया गया है।
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इस मामले पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए फर्रुखाबाद के डीएम रवीन्द्र कुमार, सीएमओ उमाकांत पांडे और सीएमएस डॉ. अखिलेश अग्रवाल को हटा दिया है। खुद सीएमओ और सीएमएस ने अपनी रिपोर्ट में डीएम को बताया था, कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई।
ये है मामला
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 20 जुलाई से 21 अगस्त तक 49 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया था। इनमें 19 बच्चों की मौत प्रसव के दौरान, जबकि 30 बच्चों की मौत न्यू बोर्न केयर यूनिट में इलाज के दौरान हुई थी। इस मामले में जिला प्रशासन ने एक पैनल से जांच कराई थी। इस जांच दल में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार थे।
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...इसलिए अधिकारियों को हटाया
प्रशांत त्रिवेदी ने आज कहा, कि 'अधिकारियों को इसलिए हटाया गया है ताकि जांच सही तरीके से हो सके।स्वास्थ्य निदेशक की निगरानी में एक टीम गठित की जा रही है, वो तुरंत रवाना होगी और अपनी जांच रिपोर्ट सौपेंगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
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संवादहीनता थी बड़ी वजह
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य माना है कि संवादहीनता के चलते ये कमी हुई है। इसी कारण उनको तत्काल रूप से हटाया जा रहा है। जिला मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट गलत है। ऑक्सीजन की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है।
सिटी मजिस्ट्रेट की जांच फैक्चुअल नहीं
प्रशांत त्रिवेदी ने कहा, कि 'आपसी तालमेल की कमी से ऐसे रिपोर्ट सामने आए हैं। सीएमओ और सीएमएस को स्थानीय प्रशासन से तालमेल रखना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी वजह से दोनों को हटाया गया।' उन्होंने कहा, कि सिटी मजिस्ट्रेट की जांच फैक्चुअल नहीं है।
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