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बाढ़ से हाहाकारः छप्परों पर बैठे लोग, तीन दिन से खा रहे अमरूद
लखनऊ/बहराइच/बाराबंकीः श्रावस्ती जिले के सात गांवों के 8 हजार लोग मदद की आस में बैठे हैं। नेपाल से भारत में अचानक पानी का सैलाब छोड़े जाने के बाद इन ग्रामीणों की गृहस्थी तबाह हो गई है। खाने का सामान नष्ट हो गया है। तीन दिनोें से ये ग्रामीण अमरूद व बाढ़ का पानी पीकर अपनी भूख मिटा रहे हैं। लोग छप्पर व मकानों की छत पर आसरा लिए हुए हैं। वहीं कुछ ने उंचे स्थानों पर खुले आसमान के तले आशियाना बनाया है। प्रशासन अभी तक इनके खाने का इंतजाम नहीं कर सका है। न ही सिर ढकने के लिए तिरपाल की व्यवस्था हो पाई है।
लगातार बारिश और नेपाल के बांध खोलने से यूपी और पड़ोसी राज्य बिहार में कई जिलों में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। शारदा, घाघरा, राप्ती और सरयू नदियों में उफान से सैकड़ों गांवों में समंदर जैसा नजारा है। यूपी के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को सूबे के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत देने में लापरवाह अफसरों के खिलाफ एफआईआर कराकर उन्हें जेल भेजा जाएगा।
बहराइच के इस गांव में मचान पर जिंदगी गुजार रहा है ये दंपति
-नेपाल के होलिया में बादल फटने से वहां के हालात बेकाबू हो चुके हैं।
-बीते मंगलवार को नेपाल ने भारत की सरयू, राप्ती व घाघरा में साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया।
-इससे नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से सवा मीटर उपर पहुंच गया।
-लेकिन सबसे अधिक तबाही श्रावस्ती जिले में हुई है। यहां 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। जबकि 50 गांवों का संपर्क टूट गया है।
-गुरूवार को न्यूज़ ट्रैक की टीम ने श्रावस्ती जिले के जमुनहा तहसील के सर्रा, सर्रापुरवा, मिश्रीपुरवा, किड़ीपुरवा, भौसाव, उत्तमापुर, लौकिहा गांव का भ्रमण किया। इन सात गांवों की आबादी करीब 8 हजार है।
-गुरुवार को श्रावस्ती के इकौना में एक युवक बाढ़ के पानी में बह गया। उसे बचाने गया दोस्त भी पानी में समा गया।
-दोनों की लाशें नहीं मिल सकी हैं। श्रावस्ती में हालात सबसे खराब हैं। यहां 100 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है।
-जबकि 50 गांवों का संपर्क टूट गया है। खेत-खलिहान सब डूब चुके हैं। लोग घरों की छतों पर हैं और राहत मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
बाढ़ से कई जगह सड़क बह गई है और गांवों का संपर्क टूट गया है
बाढ़ का हर तरफ कहर
-सीतापुर में शारदा और घाघरा ने दर्जनों गांवों के लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया है।
-लखीमपुर के पलिया में भी शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर है। श्रावस्ती में राप्ती नदी कहर बरपा रही है।
-बहराइच में घाघरा और सरयू उफान पर हैं। बहराइच-भिनगा मार्ग का हिस्सा धंस गया है।
-बलरामपुर में राप्ती और बाकी पहाड़ी नालों में जबरदस्त उफान है। सौ से ज्यादा स्कूलों में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
-महराजगंज-ललिया सड़क पर पानी भरने की वजह से आवागमन ठप पड़ गया है।
बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने में पुलिस-प्रशासन को भी दिक्कत हो रही है
और भी जिले बाढ़ में घिरे
-गोंडा में सरयू और घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सात गांवों में नावों से लोगों को निकाला जा रहा है।
-बाराबंकी में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा ने खतरे का निशान पार कर लिया है। अयोध्या में सरयू नदी का भी यही हाल है।
-अंबेडकरनगर में घाघरा खतरे के निशान के ऊपर है। टांडा में दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी भरा है।
-सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान के पार है। बस्ती में घाघरा ने चार गांवों में कटान किया है।
-गोरखपुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, कानपुर, उन्नाव, कन्नौज, हरदोई, फतेहपुर और फर्रुखाबाद के कई इलाकों में भी हालात गंभीर हैं।
बिहार का बाढ़ प्रभावित एक गांव
पड़ोसी राज्य बिहार में भी हाहाकार
-बिहार के तमाम जिलों में भी बाढ़ का कहर जारी है।
-गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा और कोसी नदियों में पानी लगातार बढ़ रहा है।
-नेपाल ने कई नदियों पर बने बांध खोल दिए हैं। इससे भी बिहार में बाढ़ कहर बरपा रही है।
-गोपालगंज, कटिहार, सुपौल और अररिया जिलों में सैकड़ों गांवों से लोगों ने पलायन किया है।