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पहली बार अंबेडकर स्थल नहीं गईं बसपा सुप्रीमो मायावती, बतायी ये वजह

aman
By aman
Published on: 6 Dec 2017 12:50 PM IST
पहली बार अंबेडकर स्थल नहीं गईं बसपा सुप्रीमो मायावती, बतायी ये वजह
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती बुधवार (6 दिसंबर) को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर गोमतीनगर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल नही गईं। बल्कि, पार्टी मुख्यालय पर ही वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

अपने जारी एक बयान में उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा, कि वह अंबेडकर स्थल पर नहीं गयीं, ताकि लखनऊ मण्डल के ज़िलों से आने वाले हज़ारों लोगों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए इस ठंड में घंटों लंबा इंतजार ना करना पड़े। इसके पहले मायावती हर साल अंबेडकर स्थल पहुंचकर प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करती थीं।

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'वो चाहते थे वोट का अधिकार मौलिक अधिकार बने'

मायावती ने कहा, कि वह (अम्बेडकर) सभी लोगों के 'एक व्यक्ति एक वोट व हर वोट का एकसमान मूल्य' के अधिकार को संविधान में 'मौलिक अधिकार' के रूप में देना चाहते थे, पर ऐसा नहीं होने दिया गया। अगर वोट का अधिकार मौलिक अधिकार बन जाता तो 'वोट हमारा, राज तुम्हारा' की नौबत देश में कभी नहीं आती और ना ही ईवीएम व सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से चुनावी धांधली करने के गंभीर मामलों के प्रति इतनी लापरवाही सहनी पड़ती।'

..तो जीतते दलित व ओबीसी प्रत्याशी

अपने बयान में उन्होंने कहा, कि ''पूना-पैक्ट'' के लिये डॉ. अंबेडकर को अगर मजबूर नहीं किया गया होता, तो आज लोकसभा, विधानसभा, मेयर व अन्य आरक्षित सीटों पर दलित व ओबीसी समाज के प्रत्याशी ही चुनाव जीतते।'

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डॉ. अम्बेडकर को सम्मान नहीं दिया गया

पूर्व सीएम ने कहा, कि 'जिस तरह संविधान सभा में अन्य 30 दलित सदस्यों के होने के बावजूद सिर्फ डॉ. अंबेडकर ही दलितों, पिछड़ों के सर्वमान्य नेता के रूप में जाने जाते थे, ठीक उसी प्रकार बीएसपी को भी डॉ. अंबेडकर की सच्ची अनुयायी पार्टी होने का गौरव प्राप्त है। इतने महान व्यक्तित्व को भी विरोधी पार्टियों की सरकारों द्वारा कभी समुचित आदर-सम्मान नहीं दिया गया।'

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आगे की स्लाइड में पढ़ें और क्या कहा मायावती ...

ईवीएम की धांधली से बीजेपी की लाज बच गई

बसपा मुखिया ने कहा, कि यूपी में अपराध व अपराधी दोनों ही सर चढकर बोल रहे हैं। इसकी पुष्टि केन्द्र सरकार के अधिकारिक आंकड़े भी कर रहे हैं। जनता भी बीजेपी के प्रति अपना आक्रोश खुलकर जताने लगी है नतीजतन शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी के मंत्री व मुख्यमंत्री अपने-अपने इलाके में भी चुनाव हार गये। केवल मेयर के चुनाव में वोटिंग मशीन की धांधली से बीजेपी की लाज बच गयी, फिर भी बीजेपी के शीर्ष नेतागण अपनी जीत के तिल को ताड़ बनाकर पेश करने से बाज नहीं आ रहे हैं।'

गुजरात में पीएम की नैया मंझधार में

मायावती गुजरात में राजकोट से चुनावी कार्यक्रम के बाद मंगलवार की रात ही वापस लखनऊ लौटी हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी की नैया अपने गृह राज्य गुजरात में ही मझधार में फंसी हुई लगती है। अगर वहां ईवीएम में गड़बड़ी करके चुनावी धांधली नहीं की गयी, तो निश्चित तौर पर बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है

कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए

डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि पर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में संगोष्ठी व अन्य कार्यक्रम आयोजित हैं। लखनऊ मण्डल के कार्यकर्ता 'डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल' प्रांगण स्थित 'डा. अंबेडकर स्मारक' में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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