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पहली बार माना PAK ! उसकी धरती पर एक्टिव हैं आतंकी संगठन जैश-लश्कर
पाकिस्तान ने पहली बार यह माना है कि उसकी धरती से ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठन एक्टिव हैं।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने पहली बार यह माना है कि उसकी धरती से ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठन एक्टिव हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि अगर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश शर्मिंदगी का सामना करता रहेगा और वर्ल्ड फोरम पर पाकिस्तान की फजीहत होती रहेगी।
बता दें कि आसिफ का बयान ब्रिक्स घोषणापत्र के दो दिन बाद आया है जिसमें पहली बार पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित संगठनों का नाम लिया गया था। आसिफ के इस बयां से एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने आतंकवाद पर ब्रिक्स देशों के उस घोषणापत्र को खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। देश में कुछ ही आतंकी संगठन बचे हैं, उनका भी हम सफाया कर रहे हैं।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों को सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं। आसिफ ने माना कि लश्कर और जैश इंटरनेशनल लेवल पर बैन हैं। आसिफ ने पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के अस्तित्व को स्वीकार किया है।
आसिफ के मुताबिक, ब्रिक्स घोषणा को चीन का कदम के रूप में नहीं देखना चाहिए। इस समूह में रूस, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हैं। ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर और जैश का नाम शामिल होना पाकिस्तान के लिए झटका माना जा रहा है।
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चीन जाएंगे आसिफ
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के नाम आने से पैदा स्थिति पर सफाई देने के लिए चीन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को बुलाया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री आसिफ आठ सितंबर को बीजिंग रवाना होंगे।