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ये कैसा सम्‍मान? अटल जी के अस्थि विसर्जन में जमकर चलेे लात-घूंसे, पुलिस पर भारी पड़े BJP कार्यकर्ता

Manali Rastogi
Published on: 23 Aug 2018 10:45 AM GMT
ये कैसा सम्‍मान? अटल जी के अस्थि विसर्जन में जमकर चलेे लात-घूंसे, पुलिस पर भारी पड़े BJP कार्यकर्ता
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लखनऊ: राजधानी में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा और गोमती नदी में अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम गुरूवार को संपन्‍न हुआ। चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से निकली अस्थि कलश रथ यात्रा ट्रांसपोर्ट नगर, आलमबाग होते हुए झूलेलाल वाटिका पहुंची। जहां बीजेपी के वरिष्‍ठ नेताओं समेत अन्‍य बड़े नेताओं ने उनहें श्रद्धांजलि दी। अस्थि कलश को रथ से यहां तक लाया गया, जहां श्रद्धांजलि देने के बाद गोमती नदी में अस्थि विसर्जन किया गया।

हैरत की बात ये है कि अटल जी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान भी सत्‍ता के नशे में चूर बीजेपी कार्यकर्ता अपनी हनक दिखाना नहीं भूले। उन्‍होंने कार्यक्रम के दौरान ही लखनऊ यूनिवर्सिटी चौकी इंचार्ज अभय सिंह को जमकर पीटा। लात घूंसो से मारते हुए उनकी नेम प्‍लेट तक नोंच डाली। इस घटना पर अफसर और बीजेपी नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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बीजेपी कार्यालय से झूलेलाल वाटिका आते समय रथ के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा व शिवप्रताप शुक्ल, राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्रनाथ पांडेय, अटलजी की पुत्री नमिता समेत उनके परिजन भी मौजूद रहे।

सड़कों पर बच्चों से लेकर महिलाओं तक का जनसैलाब उमड़ पड़ा। यह रथ यात्रा एयरपोर्ट से बर्लिंग्टन होते हुए भाजपा मुख्यालय पहुंची। यहां से परिवर्तन चौक होते हुए झूलेलाल पार्क तक अस्थियों को ले जाया गया। वहां सर्वदलीय सार्वजनकि श्रद्धांजलि सभा के बाद अस्थियों को गोमती में विसर्जित कर दिया गया।

24 अगस्त को बीजेपी मुख्यालय से 16 अलग-अलग स्थानों की प्रमुख नदियों के लिए अस्थियां भेजी जाएंगी। इसके साथ प्रदेश सरकार के एक मंत्री और पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। जहां अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा। श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया।

इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व उनके पुत्र अखिलेश यादव, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, राजबब्‍बर, बसपा मुखिया मायावती समेत कई नेता शामिल रहे। इसके अलावा विभिन्न धर्मो के धर्मगुरु, उप्र सरकार के सभी मंत्री व विधायक मौजूद थे।

अटलजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा, "अटल जी देश के नहीं पूरे विश्व के नेता थे। आपने देखा होगा अमेरिका ने भी शोक प्रस्ताव दिया। वह पार्टी या देश के नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता थे। पूरी दुनिया में उनका सम्मान था। वह सब का आदर करना जानते थे।"

मुलायम ने कहा कि "वह हमें भोजन पर भी बुलाते थे हमें बहुत दुख है। वह केवल एक दल के नेता नहीं थे, उत्तर-दक्षिण पूरब-पश्चिम सभी जगहों पर उनके लिए सम्मान था। मैंने अटल जी से बहुत कुछ सीखा है देश को सवरेपरि मानकर के उनके आदर्शो पर चलने के लिए मैंने पूरा प्रयास भी किया।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल की श्रद्धांजलि सभा में उन्हें अपना आदर्श बताते हुए कहा कि हम आदरणीय अटल जी के पदचिन्हों पर चलकर ही प्रदेश का विकास करेंगे। अटलजी जैसा शिखर पुरुष मिलना कठिन है। सभी दलों के भीतर उनकी बराबर स्वीकार्यता थी, इसी वजह से वह सभी के प्रिय थे।

योगी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का छह दशक का लंबा कार्यकाल राजनीतिक इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने हमेशा ही मूल्यों एवं सिद्धांतों की राजनीति की। राष्ट्रहित उनके लिए सवरेपरि था। उन्होंने देशहित में कई कड़े फैसले भी लिए।

राजनाथ सिंह ने कहा, "अटलजी मुझे अत्यंत स्नेह करते थे। उनके जैसा नेता मिलना कठिन है। अटलजी देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे। इसीलिए विपक्ष भी उनका पूरा सम्मान करता था।"

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा, "काल के कपाल ने इस देश की एक विशुद्ध वाणी को हमसे छीन लिया है। वह एक ऐसी कसौटी खड़ी कर गए हैं जिसके लिए उनके दल के लोगों के सामने भी एक चुनौती बन गई है। अटलजी को देखकर और उनकी भाषाशैली को सुनकर ही मैंने राजनीतिक चर्चा में हिस्सा लेना शुरू किया था।"

उन्होंने कहा, "जब मुझे उनके खिलाफ चुनाव लड़ना पड़ा तो मैंने एक मुलाकात में उनसे कहा कि अटलजी, मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं चुनाव में कुछ ऐसा न कहूं जो कि गलत हो। अटल जी ने जवाब दिया कि जाओ, तुमसे कभी ऐसा नहीं होगा। मेरे लिए ये एक बड़ी बात थी कि मैं एक बड़े नेता के खिलाफ चुनाव मैदान में हूं और उन्होंने इस तरह से मुझे प्यार दिया।"

राज बब्बर ने कहा कि अटलजी बड़े दिलवाले नेता थे। बड़े दिलवालों की स्वीकार्यता भी बड़ी होती है। खास बात है कि उनकी सियासत ने उनके अंदर के मनुष्य को कभी दबने नहीं दिया।

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