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संकट मोचन मंदिर में गुलाम अली ने गाया- दिल में इक लहर सी उठी है अभी...

Admin
Published on: 26 April 2016 5:51 AM GMT
संकट मोचन मंदिर में गुलाम अली ने गाया- दिल में इक लहर सी उठी है अभी...
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वाराणसीः काशी में हनुमान जयंती के अवसर पर संकट मोचन संगीत समारोह का आगाज हो चुका है। पाकिस्तानी गायक गुलाम अली के सुरों से महोत्सव की शुरुआत हुई। संकट मोचन दरबार में भक्तिमय सुर और संगीत का सिलसिला अगले छह दिन तक जारी रहेगा।

पंडित विश्वनाथ जी महराज ने सबसे पहले गणेश वंदना किया। इसके बाद मंच पर आए गुलाम अली ने कहा, ''भगवान के दरबार का ये मंच बहुत बड़ा है। मैं तो एक छोटा सा कलाकार हूं। इस स्थान पर प्रस्तुति हर कलाकार के लिए सौभाग्य की बात है।'' गुलाम सबसे पहले 'मैंने लाखों के बोल सहे सितम्गर तेरे लिए' गाया। दूसरा गजल 'दिल में इक लहर सी उठी है अभी...' की शुरुआत की तो लोग वाह-वाह कर उठे। लोगों ने 'हंगामा है बरपा' की भी डिमांड की, लेकिन उन्होंने इस बार यह फेमस गजल नहीं गाया।

संकट मोचन मंदिर में सजी गुलाम अली की महफिल संकट मोचन मंदिर में सजी गुलाम अली की महफिल

तीन लोग अरेस्ट

इससे पहले संकट मोचन मंदिर से हिंदू युवा वाहिनी के तीन कार्यकर्ताओं को अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने संकट मोचन मंदिर को छावनी में तब्दील कर दिया है।

विश्वविख्यात संगीत महोत्सव में देश और दुनिया के 60 से ज्यादा दिग्गज कलाकार शामिल होंगे। हनुमान के दरबार में वह संगीत के माध्यम से भक्ति करेंगे। 60 कलाकारों की लिस्ट में 19 कलाकार पदम् अवार्ड से सम्मानित हैं।

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अमिताभ बच्चन के आने की संभावना

-इस महोत्सव में अमिताभ बच्चन ने आने की इच्छा जताई थी।

-इसके बाद मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र ने उन्हें निमंत्रण भेजा है।

-पूरी उम्मीद है कि इस छह दिन के महोत्सव में अमिताभ बच्चन शामिल होंगे।

आज होंगे दो दिग्गज

-संगीत महोत्सव की पहली शाम का आगाज गुलाम अली के गायन से होगा।

-उसके बाद भोर में पहले दिन के कार्यक्रम का समापन पंडित जसराज के गीतों से होगा।

-इस बीच में टीएन शोषगोपालन और अंजलि पोहनकर का भी गायन होगा।

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महोत्सव में किस दिन होगी किसकी प्रस्तुती?

26 अप्रैल: गुलाम अली और पंडित विश्वनाथ (गायन), टीएन शोषगोपालन (गायन), अभिजीत पोहनकर (विद्युत वीणा), अंजलि पोहनकर (गायन), निलाद्री कुमार (सितार), अनिंदो और अनुव्रत चैटर्जी (तबला), पं. जसराज (गायन)।

27 अप्रैल: सौरव-गौरव मिश्र (कथक), रतन शर्मा (गायन), एस आकाश (बांसुरी), कौशिकी चक्रवर्ती (गायन), सुरेश-सावनी तलवलकर (तबला), अजय पोहनकर (गायन), पूर्वायन चटर्जी (सितार), उल्लास कसालकर (गायन)।

28 अप्रैल: मॉम गांगुली (मोहिनी अट्टम), हरिप्रसाद चौरसिया (बांसुरी), सोमा घोष (गायन), कुमार बोस और रोहेन बोस (तबला), शिवनाथ मिश्र-देवव्रत मिश्र (सितार), समरेश चौधरी (गायन), देवज्योति बोस (सरोद)।

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29 अप्रैल: यू राजेश-रोनू मजूमदार और शिवमणि की मैंडोलिन-बांसुरी व ड्रम की जुगलबंदी, अनूप जलोटा (गायन), कदरी गोपालनाथ (सैक्सोफोन), पीटी नरेंद्रन (भरत नाट्यम), विश्वजीत राय चौधरी (सरोद), रीतेश-रजनीश (गायन), भजन सोपोरी, वीथिका टिक्कू (संतूर)।

30 अप्रैल: तरुण भट्टाचार्य और साथी (संतूर), सोनल मान सिंह (ओडिसी), उस्ताद आशीष खां-शिराज खां और अतीश मुखोपाध्याय (सरोद त्रिवेणी), नागराज-ओंकार हवलदार (गायन), शशांक सुब्रम्हण्यम (बांसुरी), येल्ला वेंकटेश्वर राव और साथी (वाद्य वृंद), कंकणा बनर्जी (गायन)।

1 मई: रतिकांत-सुजाता महापात्र (ओडिसी), विश्वनाथ (गायन), एल सुब्रम्हण्यम और अम्बी सुब्रम्हण्यम (वायलिन), कविता कृष्णमूर्ति (गायन), विश्वमोहन भट्ट और सलिल भट्ट (मोहन वीणा), संजू सहाय (तबला), राजन- साजन मिश्र (गायन)।

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