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गोरखपुर उपचुनाव: BJP ने उपेंद्र शुक्ला को दिया मौका, संगठन पर है पकड़

aman
By aman
Published on: 19 Feb 2018 8:17 AM GMT
गोरखपुर उपचुनाव: BJP ने उपेंद्र शुक्ला को दिया मौका, संगठन पर है पकड़
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गोरखपुर उपचुनाव: BJP ने उपेंद्र दत्त को दिया मौका, संगठन पर इनकी अच्छी पकड़

गोरखपुर: योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला को प्रत्याशी घोषित किया है। उपेंद्र दत्त शुक्ला के बारे में बताया जाता है कि इनकी पार्टी और कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है। पूर्वांचल में उनकी पहचान ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती है। ये गोरखपुर से राज्यसभा सांसद और वर्तमान में केंद्र में मंत्री शिवप्रताप शुक्ला के बेहद करीबी बताए जाते हैं।

बता दें, कि बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला काफी लंबे समय से पार्टी और जनता के बीच सक्रिय हैं। लेकिन अब तक उन्हें एक जनप्रतिनिधि के तौर पर काम करने का मौका नहीं मिल पाया है। हालांकि, एक दो बार वह कौड़ीराम विधानसभा क्षेत्र से अपना भाग्य भी आजमाया, लेकिन पार्टी का पूर्णतः सहयोग नहीं मिल पाया। उनकी जगह किसी और को पार्टी का सिंबल मिल गया था।

कई बार मौका मिलते-मिलते रह गया

ये भी सही है जब-जब उन्होंने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में अपना भाग्य आजमाया, तब-तब वह अपने विरोधियों पर भारी पड़े थे। हालांकि, बीते विधानसभा चुनावों में सहजनवां से उनके नाम की चर्चा चल रही थी। लेकिन वर्तमान विधायक शीतल पांडेय के नाम पर आम सहमति बनते ही कहानी एक बार फिर खत्म हो गई। इसके बावजूद वह बीजेपी के साथ हमेशा बने रहे। पार्टी में क्षेत्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण ओहदे को संभालते रहे।

सबसे बड़ी बात कि अब तक बीजेपी के सभी क्षेत्रीय अध्यक्ष कहीं न कहीं जगह पकड़ चुके हैं। ऐसे में वर्षों से सतत प्रयत्नशील रहे उपेंद्र दत्त शुक्ला को पार्टी हाईकमान व स्थानीय पदाधिकारियों की सहमति के बाद गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर दिया।

इस सीट पर गोरक्षनाथ पीठ का रहा है दबदबा

1952 में पहली बार गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव हुआ और कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजयनाथ 1967 निर्दलीय चुनाव जीता। उसके बाद 1970 में योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की। 1971 से 1989 के बीच एक बार भारतीय लोकदल तो कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा, लेकिन 1989 के बाद से सीट पर गोरक्षपीठ का कब्ज़ा रहा। महंत अवैद्यनाथ 1998 तक सांसद रहे। उनके बाद 1998 से लगातार पांच बार योगी आदित्यनाथ का कब्ज़ा रहा।

11 मार्च को होंगे उपचुनाव, नतीजे 14 को

गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव 11 मार्च को होगा। चुनावों के परिणाम की घोषणा 14 मार्च को होगी। गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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