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हाल-ए-बाजार: GST लागू होने के बाद सन्नाटे में ही बीता पहला दिन
एक देश, एक टैक्स की व्यवस्था लागू होने के बाद पहला दिन सन्नाटे में ही बीता। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में बाजार लगभग एक जैसा ही रहा।
लखनऊ: एक देश, एक टैक्स की व्यवस्था लागू होने के बाद पहला दिन सन्नाटे में ही बीता। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में बाजार लगभग एक जैसा ही रहा। बहुत कम भीड़ और हिसाब किताब समझते व्यापारी। सामान्य आदमी ने उसी अंदाज़ में अपने काम निपटाए जैसे रोज करता है। न तो कहीं कोई उत्तेजना दिखी और न ही अफवाह।
कल आधी रात को संसद से इस क़ानून के लागू होने के ऐलान से यह जरूर समझ में आया कि ज्यादातर लोगों को इसकी महत्ता और विशेषता काफी हद तक समझ में आ चुकी है। इसीलिए बाजार में कहीं भी किसी प्रकार का पैनिक नजर नहीं आया। प्रदेश के सभी शहरों में सामान्य काम काज होने की खबर है। वैसे भी शनिवार के कारण बाजार में चहल-पहल कम ही दिख रही है।
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लखनऊ में तो दिन शुरू होते ही भारी बारिश के कारण बाजार पहले ही उखाड़ा हुआ था। लखनऊ के अलावा आगरा गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर आदि स्थानों से भी बाजार में सामान्य स्थिति की ही खबर है।
अपना भारत और newstrack.com के संवाददाताओं के अनुसार, कारोबार की स्थिति ठंडी रही है और अभी हर जगह लोग इस पूरी प्रक्रिया को समझने का ही प्रयास कर रहे है। परिवहन विभाग, रेलवे और इस तरह की अन्य सेवाओं के सॉफ्टवेयर अपडेट न होने से कई जगह दिक्कत हुई है, लेकिन मैन्युअल तौर पर इसका समाधान निकाल लिया गया है।
कानपुर के व्यवसायी आदित्य कुमार ने बताया कि लोगों में सबसे बड़ी उत्सुकता रोजमर्रा की चीजों को लेकर है। तमाम चीजें हैं जो सस्ती हो रही हैं।
सरकार ने दूध, दही, पनीर, लस्सी, अंडा, नमक, खुला अनाज, ताजी सब्जियां जैसी दैनिक उपयोगी चीजें टैक्स के दायरे से बाहर रखने की घोषणा की है।
ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि अब इन चीजों के दाम पहले से घट जाएंगे लेकिन क्या ऐसा होगा?
आगरा के नीतेंद्र का कहना था कि बाजार में बिक रही चीजों के दामों पर महज टैक्स का ही असर नहीं होता। ट्रांसपोर्ट जैसे जरूरी शुल्क भी उसमें निहित होते हैं और ट्रांसपोर्ट शुल्क तय होता है। पेट्रोल और डीजल के दाम जीएसटी से बाहर हैं। ऊपर से सरकार ने अभी व्यापारियों को दो महीने का वक्त दिया गया है।
मतलब साफ है कि फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है। अगर होगा भी तो वो भी बहुत न्यूनतम स्तर पर हो सकता है। दामों के तौर पर कोई बहुत बड़ी क्रांति नहीं होने वाली, इसलिए धैर्य रखें। मेरठ के प्रवीण कृष्ण और बरेली के शम्सुज्जमा की बातों में भी यही झलक रहा है।
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सभी अभी चीजों को समझने में ही लगे हैं। आज पहले दिन बैंको में इसका कोई प्रभाव नहीं दिखा है। एक बैंक अधिकारी के अनुसार, बैंक और फाइनेंस सेवाओं के महंगे होने की खबर है। क्योंकि अभी इनकी दर 15 फीसदी है। जबकि जीएसटी में इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जा रहा है।
अब आम आदमी का सवाल है कि क्या अब कर्ज लेना महंगा हो जाएगा? इस सवाल का जवाब बैंक कर्मियों को भी फिलहाल नहीं पता है। वे भी इंतजार कर रहे हैं। बैंक वालों का कहना है कि इस नई व्यवस्था का असर सोमवार से ही दिखना शुरू हो जाएगा।
गोरखपुर के बाजार में सन्नाटा
अपना भारत और newstrack.com के संवाददाता गौरव त्रिपाठी के अनुसार 01 जुलाई के दस्तक के साथ पूरे देश के साथ सीएम सिटी में भी जीएसटी लागू हो गया।
गोरखपुर के बाजार देर रात तक भले ही गुलजार रहे, लेकिन शनिवार को दुकानों में हलचल नहीं दिखी। कपड़े के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक गुड्स की दुकानों पर सन्नाटा नजर आया।
बाजार में बिक्री रोज की अपेक्षा काफी कम रही। घंटाघर के थोक कपड़ा बाजार में मंदी दिखी। ना तो नेपाल के कारोबारी दिखे ना बिहार के। स्थानीय दुकानदारों को भी अभी जीएसटी के परिवर्तन का इंतजार है।
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क्या कहना है कपड़ा कारोबारी का ?
कपड़ा कारोबारी राजू लुहारिका का कहना है कि जीएसटी नंबर अभी तक अलॉट नहीं हो सका। पुराने बिल पर कपड़ा नहीं बेच सकते हैं। गीता प्रेस में कपड़े के दुकानादारों का कहना है कि जीएसटी नंबर नहीं मिलने से सॉफ्टवेयर अभी तक अपडेट नहीं हो सका है। रेती रोड, बैंक रोड, मॉल में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के बाजार में अलग ही नजारा दिखा।
दुकानदारों को जीएसटी नंबर तो मिल गया है लेकिन नया बिल तैयार नहीं होने से ग्राहकों को बिलिंग की जगह चालान पर सामान दिया जा रहा है। तमाम व्यापारी सामान की बिक्री तो कर रहे हैं लेकिन बिल देने को तैयार नहीं है।
वहीं प्रमुख रेस्टोरेंट और होटलों में भी जीएसटी अपडेट नहीं हो सका है। ग्राहकों को पुराना ही बिल दिया जा रहा है। वहीं स्पेंसर, बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट में ग्राहकों की खासी भीड़ नजर आई। सभी के संचालकों द्वारा जीएसटी का लाभ ग्राहकों को ट्रांसफर किए जाने का दावा किया जा रहा है।
बिग बाजार में खरीददारी करने आए दिनेश तिवारी ने बताया कि पिछले महीने और इस बार के बिल में 5 से 8 फीसदी का अंतर दिखा है। खाने के सामान कुछ सस्ते हुए हैं। सिनेमा प्रेमियों को काफी राहत मिली है।
जीएसटी लागू होने के बाद टिकट के दाम में खासी कमी हुई है। लिहाजा वीकेंड पर लोगों ने सलमान की ट्यूबलाइट देखकर मस्ती की। कमोबेश सभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल में हाउस फुल का बोर्ड टंगा दिखा।
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रोडवेज बसों में भी दिखा असर
रोडवेज के एसी बसों में भी जीएसटी का असर पड़ा है। परिवहन विभाग का सॉफ्टवेयर अभी तक अपडेट नहीं हो सका है। मुसाफिरों को मैनुअल टिकट दिया जा रहा है। ऐसे में गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर मुसाफिर और कंडक्टर भिड़ते नजर आए।
राप्तीनगर डिपो के एआरएम मुकेश कुमार का कहना है कि मुंबई से सॉफ्टवेयर अपडेट होना है। शनिवार से ही सॉफ्टवेयर अपडेट करने को लेकर बातचीत हो रही है।
शनिवार देर शाम तक सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने से दिक्कत हुई। जल्द ही सॉफ्टवेयर अपडेट होने का आश्वासन दिया गया है।