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ट्रंप की धमकी- ईरान को ऐसे नतीजे भुगतने होंगे जैसे शायद ही कभी किसी ने भुगते हों
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी को चेतवानी देते हुए कहा कि अगर ईरान ने अमेरिका को दोबारा धमकी दी तो उसे इसके ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जैसा इससे पहले शायद ही कभी किसी ने भुगता होगा। ट्रंप ने रूहानी पर यह तल्ख टिप्पणी उनके धमकी भरे बयानों के बाद किया है।
ईरान के सरकारी मीडिया की रपटों के अनसुार, रूहानी ने कहा था कि ईरान के दुश्मनों को अवश्य यह समझना चाहिए कि ईरान के साथ युद्ध सबसे घातक युद्ध होगा (मदर आफ आल वार्स) और ईरान के साथ शांति सबसे बेहतरीन शांति (मदर्स आफ आल पीस) होगी।
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रूहानी ने ट्रंप के लिए संदेश में साझा किया था कि 'शेर की पूंछ से मत खेलो, नहीं तो हमेशा के लिए बहुत पछताना पड़ेगा।'
इसके जवाब में ट्रंप ने रविवार देर रात ईरान के राष्ट्रपति रूहानी को संबोधित करते हुए ट्वीट (सभी बड़े अक्षर में) किया, "अमेरिका को अब कभी दोबारा धमकाना नहीं, नहीं तो आपको ऐसे परिणाम भुगतने होंगे, जो इतिहास में कभी किसी ने शायद ही कभी भुगता होगा। हम अब वह देश नहीं रहे जो आपके हिंसा और मौत के घृणित शब्दों को सुन ले। इसलिए सचेत रहें।""
ट्रंप ने यह ट्वीट अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ के ईरानी नेताओं के खिलाफ दिए गए भाषण के कुछ देर बाद किया, जिसमें उन्होंने ईरान के धार्मिक नेताओं पर अपनी जेब भरने के लिए ईरानी कोष का इस्तेमाल करने और आम ईरानियों के पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए करने का आरोप लगाया था।
पॉम्पिओ ने कैलिफोर्निया में रोनाल्ड रीगन नेशनल लाइब्रेरी में एक कार्यक्रम में रविवार रात कहा कि 'ईरान के सत्ताधारी नेताओं के भ्रष्टाचार और धन का स्तर इतना अधिक है कि जिससे लगता है कि ईरान ऐसों द्वारा शासित है जो सरकार से अधिक माफिया जैसे दिखते हैं।'
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ईरानी राजनयिकों के एक समारोह में रूहानी ने कहा था कि उनका देश अमेरिका के साथ शत्रुता की शुरुआत नहीं करना चाहता लेकिन वह युद्ध करने से हिचकेगा नहीं।
रूहानी ने कहा था कि अमेरिका के साथ कामकाज का अर्थ आत्मसमर्पण करना और ईरान की उपलब्धियों को खत्म करना नहीं है।
ट्रंप ने मई में ईरान के साथ 2015 में किए बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे और तेहरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे।