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तीन पत्नियां मांग रहीं थी पेंशन, HC ने पहली को देने का सुनाया फैसला
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक से अधिक शादी करने वाले सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया है कि जिस मृतक कर्मचारी की कई पत्नियां हों वहां पहली पत्नी ही पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी। बशर्तें मृतक कर्मचारी ने किसी को सेवा पुस्तिका में नामित न किया हो।
सेवा पुस्तिका में जिसका नाम होगा उसको लाभ मिलेगा
इसी प्रकार से अन्य सेवानिवृत्त परिलाभों के संबंध में कोर्ट का कहना था कि मृतक कर्मी द्वारा सेवा पुस्तिका में जिसके नाम का उल्लेख होगा उन्हीं को यह लाभ मिल सकता है। अन्यथा किसी भी स्थिति में पहली पत्नी का ही हक होगा।
मुख्य न्यायमूर्ति डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने दिया यह आदेश
फर्रूखाबाद की मीना देवी द्वारा दाखिल विशेष अपील पर मुख्य न्यायमूर्ति डॉ.डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने यह आदेश दिया। मीना देवी के पति पुलिस विभाग में दरोगा थे। वर्ष 2014 में उनकी मृत्यु हो गई। अपीलार्थी पत्नी ने पारिवारिक पेंशन और अन्य लाभों के भुगतान के लिए अर्जी दी थी। इसी प्रकार की अर्जी मृतक दरोगा की दो अन्य पत्नियों ने भी दी थी।
तीन पत्नियां मांग रही थी पेशन
दरोगा की कुल तीन पत्नियां थी। विवाद होने पर एसपी ने क्षेत्राधिकारी को जांच दी। सीओ ने तीनों को बुलाकर समझौता कराने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हुआ। उसने रिपोर्ट दी कि तीनों विधवाओं में पेंशन व सेवाजनित परिलाभों को लेकर विवाद हो सकता है। सुलह की उम्मीद नहीं। कोर्ट के आदेश से ही निर्णय हो सकता है। पहली पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पेंशन व अन्य लाभों की मांग की।
एकल पीठ ने खारिज कर दी थी याचिका
एकल पीठ ने याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि तीनों में अपने-अपने हक को लेकर झगड़ा है इसलिए कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं कर सकती। एकल पीठ के फैसले को विशेष अपील में चुनौती दी गई थी।
वकील ने रखा तर्क
स्थाई अधिवक्ता रामानंद पाण्डेय ने कोर्ट के समक्ष पारिवारिक पेंशन संबंधी विभागीय सर्कुलर पेश कर बताया कि सर्कुलर रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के प्राविधानों के अनुरूप है। रामानंद पाण्डेय ने बताया कि नियमावली में ऐसे मामले में ज्येष्ठ विधवा को ही पारिवारिक पेंशन का हक है। जहां कर्मचारी की कई पत्नियां हों। कोर्ट ने कानूनी व्यवस्था स्पष्ट करते हुए संबंधित पुलिस अधीक्षक को तीन माह में इस मामले को निस्तारण करने के लिए कहा है।