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कुमारस्वामी ने कहा- बहुमत से नहीं जीतने का है मलाल, नीलकंठ की तरह पी रहा हूं विष
बेंगलूरू: कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। खुद सूबे के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा है कि वह सत्ता में तो हैं लेकिन इसके लिए उन्हें नीलकंठ की तरह विष पीना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ''मैं जानता हूं कि मैं मुख्यमंत्री बना इसकी वजह से आप खुश हैं लेकिन मैं खुश नहीं हूं। मैं भगवान नीलकंठ की तरह विष पी रहा हूं। ''यह कहते कहते सीएम की आंखें भर आई।
बहुमत से नहीं जिताने का है मलाल
कुमारस्वामी ने बेंगलूरू में जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कहा, ''यह सच है कि मैं चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बनना चाहता था और मैंने कई वायदे किये। आज लोग खुश हैं लेकिन मैं मुख्यमंत्री बनकर खुश नहीं हूं। अगर मैं चाहूं तो मैं मुख्यमंत्री पद से त्याग दे सकता हूं। आज हम जहां भी जाते हैं लोग स्वागत करते हैं। लोग कहते हैं कि किसानों की कर्जमाफी से वह खुश हैं। लेकिन मुझे दुख है कि उन्होंने हमारी पार्टी (जेडीएस) को पूर्ण बहुमत से नहीं जिताया। लोग हमसे प्यार करते हैं। ''
किसानों का 34,000 करोड़ रुपये कर्ज किया माफ़
आपको बता दें कि पांच जुलाई को कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार ने किसानों के 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ कर दिया।
मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करते हए कहा था, "मैं कृषि से जुड़े 34,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को माफ करने का प्रस्ताव रखता हूं। किसान के हर परिवार के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। "
ये है असल झगड़े की जड़ ?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। हालांकि बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने चुनाव बाद गठबंधन किया था। कांग्रेस ने ज्यादा सीटें (78) जीतने के बावजूद जेडीएस नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया और उन्होंने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
लेकिन उसके बाद मंत्री पद के बंटवारों, किसान कर्जमाफी, पेट्रोल-डीजल की कीमत जैसे मसलों पर कई बार जेडीएस और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। झगड़ा सुलझाने के लिए कुमारस्वामी और खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कई दफे मुलाकात हो चुकी है लेकिन अब खुद मुख्यमंत्री ने 'विष' की बात कही है।