सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद लोया पर फैसला सुरक्षित रखा

Charu Khare
Published on: 16 March 2018 12:05 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद लोया पर फैसला सुरक्षित रखा
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जज बीएच लोया की मौत के मामले में शुक्रवार को एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

महाराष्ट्र सरकार जज लोया की मौत मामले में एसआईटी जांच का विरोध कर रही है। साथ ही इस मामले में दायर याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया था। फडणवीस सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी का कहना है कि ये याचिका न्यायपालिका को सेकेंडलाइन करने के लिए दायर की गई है, क्योंकि इसके जरिए राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है।

मुकुल रोहतगी का तर्क था कि इस मामले में जज लोया के साथी जजों के बयान के बाद उनकी मौत के पीछे अब कोई रहस्य नहीं रह गया है। लिहाजा इसकी आगे जांच की कोई जरूरत नहीं है। CBI के स्पेशल जज लोया की मौत 30 नवंबर 2014 को हुई थी। तीन साल तक किसी ने इस पर उंगली नहीं उठाई और अब अचानक इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

रोहतगी ने कहा कि 29 नवंबर को लोया के साथ मौजूद रहे चार जजों ने अपने बयान दिए हैं। चारों जज उनकी मौत के वक्त भी साथ थे। उन्होंने लोया के शव को एंबुलेंस के जरिए लातूर भी भेजा था। रोहतगी ने दलील दी कि पुलिस रिपोर्ट में जिन चार जजों के नाम हैं, उनके बयान पर भरोसा नहीं करने की कोई वजह नहीं है। बयान पर भरोसा करना ही होगा। अगर कोर्ट इनके बयान पर यकीन नहीं करती और जांच का आदेश देती है, तो ये चारों जज साजिश में शामिल माने जाएंगे।

Charu Khare

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