TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

उत्तराखंड प्रेसिडेंट रूल: नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर SC ने लगाई रोक

Admin
Published on: 22 April 2016 3:48 PM IST
उत्तराखंड प्रेसिडेंट रूल: नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर SC ने लगाई रोक
X

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल होईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम के रूप में काम शुरू कर चुके हरीश रावत को अंतरिम आदेश दे तगडा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से प्रेसिडेंट रूल हटाने को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। विधानसभा में 29 अप्रैल को होने जा रहे फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ नहीं कहा है।

केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। जस्टिस दीपक मिश्रा और शिव कीर्ति सिंह की बेंच सुनवाई की। इससे पहले गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था।

यह भी पढ़ें... नैनीताल HC का ऐतिहासिक फैसला, प्रेसिडेंट रूल हटाओ, 29 को फ्लोर टेस्ट

याचिका में केंद्र ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है ,क्योंकि उसे राष्ट्रपति के फैसलों की समीक्षा का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही कहा गया है कि इस फैसले से रिश्वत देने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों का सामना करने वालों को भी राहत मिल गई। साथ ही हाईकोर्ट ने फैसला तो दिया लेकिन कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया।

बागी विधायक भी SC पहुंचे

अपनी सदस्यता खत्म करने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के 9 बागी विधायक भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इन विधायकों ने अपनी सदस्यता बहाल करने और विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान वोटिंग की अनुमति देने की अपील की है।

यह भी पढ़ें... कब अौर क्‍यों लगता है प्रेसिडेंट रूल ? इस राज्‍य में लगा था सबसे पहले

नैनीताल हाईकोर्ट से लगा था झटका

-गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड से प्रेसिडेंट रूल हटाने का आदेश दिया। 18 मार्च की स्थिति दोबारा बहाल करने को कहा। 29 अप्रैल को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ विधायकों के बागी होने और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद 27 मार्च को प्रेसिडेंट रूल लगाया गया था।

बागियों की सदस्यता खत्म

चीफ जस्टिस के एम जोसफ और वीके बिष्ट की बेंच ने कांग्रेस के बागी नौ विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी खत्म कर दी। नौ की सदस्यता खत्म होने के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या मनोनीत को मिलाकर 62 हो गई। हालांकि मनोनीत सदस्य वोटिंग में हिस्सा नहीं लेता है।

विधानसभा का गणित

नौ बागी सदस्यों की सदस्यता खत्म करने के बाद अब कांग्रेस के सदस्य 27 रह गए हैं। माना जा रहा है कि यूकेडी के एक, तीन निर्दलीय और बसपा के दो सदस्यों का समर्थन कांग्रेस को मिला हुआ है। बीजेपी के 28 विधायक हैं। इनमें भी एक बागी बताया जाता है।विधानसभा में कुल 71 सीटें हैं। इनमें से 70 चुनाव में जीतकर आते हैं, जबकि एक सदस्य मनोनीत हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 36 कांग्रेस ने जीती, 28 सीटें बीजेपी को मिलीं। दो बीएसपी, एक यूकेडी और तीन निर्दलीय हैं।

राष्ट्रपति राजा नहीं, हो सकते हैं गलत

इससे पहले बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति कोई राजा नहीं, जिसके फैसले पर रिव्यू न किया जा सके। उक्त टिप्पणी हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसे सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन को चुनौती देते हुए दायर की थी।



\
Admin

Admin

Next Story