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...इसलिए भंसाली को बदलने पड़े अपनी फिल्मों के नाम, क्या जानते हैं आप?
नई दिल्ली : ये तो अक्सर देखा गया है कि बॉलीवुड में आए दिन इतिहास से जुड़े किरदारों पर फिल्में बनती रहती हैं। जब फिल्में बनती है, उसके बाद इनका विरोध भी किया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधितकर जनता का यही मानना है कि फिल्म निर्माता और निर्देशक रचनात्मक स्वतंत्रता के आड़ पर फिल्म में मूल इतिहास को उलटा कर देते हैं। ऐसे कई विवाद पैदा होते हैं, जिसकी वजह से निर्माता-निर्देशक को फिल्म का नाम बदलना पड़ता है।
कुछ ऐसा ही जाने-माने निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ के साथ भी हुआ है। दरअसल, करणी सेना फिल्म में का आरोप है कि इस फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कथित रूप से फिल्माए जा रहे लव सीन गलत हैं। हालांकि, भंसाली ने कहा था कि जितने भी आरोप लगे हैं वो गलत हैं। मगर अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने विवादास्पद फिल्म 'पद्मावती' को 'कुछ बदलावों के साथ' यू/ए प्रमाणपत्र देने का फैसला किया।
इसके अलावा सीबीएफसी ने फिल्म-निर्माता से कहा है कि फिल्म का नाम बदलकर 'पद्मावत' कर दिया जाए। यही नहीं, फिल्म से पहले डिस्क्लेमर भी देना पड़ेगा। डिस्क्लेमर सती प्रथा को महिमामंडित न करने के संदर्भ में है। इसके साथ ही फिल्म के गाने 'घूमर' में प्रासंगिक बदलाव कर उसे किरदार के अनुरूप बनाने के लिए भी कहा गया है।
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब निर्देशक संजय लीला भंसाली की कोई फिल्म विवादों में फंसी हो। इससे पहले ‘गोलियों की रासलीला रामलीला’ पर भी काफी विवाद हुआ था। इस फिल्म की कहानी गुजरात में सनेड़ा और रजाड़ी खानदानों के बीच पांच सौ सालों से चल रही दुश्मनी पर आधारित थी। इस फिल्म का पहले नाम था ‘रामलीला’ लेकिन जब नाम को लेकर विवाद ज्यादा बढ़ा तब इसको गोलियों की रासलीला रामलीला’ कर दिया गया।