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HC: पूर्व प्रत्याशी को खर्च का ब्यौरा देने का मौका, आयोग ने 3 साल के लिए किया था अयोग्य
याची का कहना था कि उसने खर्च का लेखा दिया है किन्तु उसे स्वीकार न कर 2013 में नोटिस जारी की गयी। संतुष्ट न होने पर अयोग्य करार दे दिया गया और याची की आपत्तियों को सुना नहीं गया।
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने मैनपुरी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे शैलेन्द्र सिंह उर्फ बेल्टन को अपने चुनाव खर्च का लेखा एक हफ्ते में चुनाव आयोग को सौंपने का मौका दिया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश भी दिया है। आयोग ने चुनाव खर्च का ब्यौरा न देने वाले 40 से अधिक प्रत्याशियों को अगले तीन वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी।
अयोग्य हो गए थे
-यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने शैलेन्द्र सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
-याची का कहना था कि उसने खर्च का लेखा दिया है किन्तु उसे स्वीकार न कर 2013 में नोटिस जारी की गयी।
-संतुष्ट न होने पर अयोग्य करार दे दिया गया और याची की आपत्तियों को सुना नहीं गया।
-इस पर चुनाव आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि याची को नोटिस दी गयी थी।
-इसके बावजूद चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया तो मजबूर होकर आयोग को कड़ा कदम उठाना पड़ा।
-कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 11 के अन्तर्गत आयोग को याची के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।