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HC का सरकारी कमेटी को निर्देश, अवैध मीट कारोबार बंद हो, वैध को मिलें सुविधाएं
खंडपीठ ने कहा कि यह मुद्दा न सिर्फ व्यवसाय से बल्कि बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला है। व्यापार, पेशा, स्वास्थ्य की सुरक्षा के अधिकार के साथ ही उपभोग और सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का दायित्व है।
लखनऊ: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्लाटर हाउस व मीट के फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस व इनके नवीनीकरण समेत अन्य समस्याओं पर विचार करने वाली कमेटी को दिशा निर्देश जारी किये हैं।
सरकार ने मीट कारोबारियों की समस्याओं पर विचार के लिए एक हाई पॉवर कमेटी गठित की है। इसकी बैठक 10 अप्रैल को होनी है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि कानून का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित होना चाहिए।
समस्याओं पर हो विमर्श
जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने बहराइच के एक मीट विक्रेता सईद अहमद की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि पूर्व में इस विषय पर सरकार की निष्क्रियता बचाव के लिए ढाल नहीं होना चाहिए। गैर कानूनी गतिविधि को रोकने के साथ ही कानूनी गतिविधियां खास कर जो भोजन व व्यापार से जुड़ी हैं, उनके लिए भी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
सरकार की ओर से इस मुद्दे पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जल्द ही हाई पॉवर मीटिंग किए जाने की बात कही गई थी। जिसे ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मीटिंग में सबसे पहले मीट के फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस के नवीनीकरण समेत अन्य समस्याओं पर विमर्श किया जाए।
न्यायालय ने कहा कि जानवरों के वध की सुविधा नगर निगमों व जिला पंचायतों आदि की ओर से न उपलब्ध कराया जाना भी इस समस्या को बढा रहा है। राज्य सरकार इन सभी आयामों और नतीजों पर ध्यान दे जो जनता को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने वाले हैं।
सरकार का दायित्व
खंडपीठ ने कहा कि यह मुद्दा न सिर्फ व्यवसाय से बल्कि बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला है। व्यापार, पेशा, स्वास्थ्य की सुरक्षा के अधिकार के साथ ही उपभोग और सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का दायित्व है।
न्यायालय ने कहा कि स्वास्थ्य, संस्कृति, व्यक्तिगत फूड हैबिट, सामाजिक-आर्थिक स्तर, उचित मूल्य पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता आदि संविधान की पंथ निरपेक्ष छतरी के तले जीवन के प्रतिस्पर्धी अधिकार हैं जिनके सम्बंध में कोई विपरीत कार्रवाई करते समय पर्याप्त विवेचना आवश्यक होती है।
न्यायालय ने कहा कि क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अधिनियम-1961 की धारा 197 के तहत दो मील की परिधि में स्लाटर हाउस की व्यवस्था होनी चाहिए। ग्रामीण बाजारों में यदि इस प्रकार की सुविधाएं बिल्कुल नदारद हैं तो सरकार को इस पर भी विचार करना होगा।