TRENDING TAGS :
राजनाथ ने पेश की रिपोर्ट कार्ड, बोले- 2022 तक किसानों की आमदनी करेंगे दोगुनी
लखनऊ: केंद्र में मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर मंगलवार (29 मई) को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकभावन में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने उनका स्वागत किया।
इस मौके पर गृहमंत्री बोले, 'पीएम मोदी का नेतृत्व कौशल ही है कि आज भारत वैश्विक स्तर पर आर्थिक ताकत के रूप में उभरा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकारा कि कच्चे तेल और डॉलर की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से देशवासियों को थोड़ी परेशानी हुई है, लेकिन इससे आने वाले दिनों में दिक्कतें नहीं आएंगी, क्योंकि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।' राजनाथ बोले, हमें भरोसा है कि 2022 आते-आते हम देश के किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे।
सरकार जनता के प्रति जवाबदेह
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम मानते हैं कि चुनी हुई सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। इसीलिए हम हर साल कामकाज का रिपोर्ट जनता के सामने पेश करते हैं। आजादी के बाद लंबे समय तक आप देश की अर्थव्यवस्था से वाकिफ होंगे। आर्थिक मोर्चे पर हमारी सरकार ने बहुत काम किया है। यही कारण है कि आज भारत निवेश के लिए दुनिया में अगर सबसे आकर्षक देश के तौर पर उभरा है। अगर अर्थव्यवस्था ऐसे ही बढ़ती रही तो जल्द ही टॉप- 3 में शामिल होंगे और ये कोई आश्चर्य की बात नहीं।'
जल्द टॉप- 5 इकॉनमी में होंगे
उन्होंने कहा, 'अटल जी ने पहली बार विश्व को देश की आर्थिक क्षमता से परिचित कराया था। उस समय भारत दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी नहीं था। लेकिन टॉप तेन में लाने का काम अटलजी ने किया। आज हमारी इकॉनमी टॉप- 7 में खड़ी है। एक संस्था का आंकलन है कि इस वित्तीय वर्ष में देश टॉप- 5 में आ जाएगा।'
देश में आज मोबाइल की 120 फैक्ट्रियां
राजनाथ ने देश की आर्थिक मजबूती और उद्योग जगत में सकारात्मक रुख को लेकर कहा, चार साल पहले देश में पहले चार मोबाइल फैक्ट्री थी जो अब बढ़कर 120 हो गई है। गृहमंत्री ने मोबाइल क्रांति का जनक भी अटल बिहारी वाजपेयी को ही बताया।
नक्सलवाद प्रभावित जिलों में आई कमी
राजनाथ सिंह बोले, हमारी सरकार ने चार साल में उग्रवाद पर पर नियंत्रण पाने में सफलता पायी है। पहले नार्थ-ईस्ट में उग्रवाद चरम पर था, जिसमें अब सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, देश में 2013 तक नक्सलवाद से प्रभावित 76 ज़िले थे, जिसमें अब कमी आयी है। देश में वर्तमान में नक्सलवाद से प्रभावित 58 जिले हैं।