×

Amritpal Singh News: महज 12वीं पास अमृतपाल आखिर पांच महीने में कैसे बन गया खालिस्तानी मूवमेंट का अगुआ

Amritpal Singh News: पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ हेट स्पीच समेत कई अन्य मामलों में केस दर्ज कर रखा है। 29 सितंबर 2022 को अमृतपाल मोगा के रोडे गांव पहुंचता है। यह वही रोडे गांव था जहां से खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले की जड़ें जुड़ी हुई थीं। 29 सितंबर को ही रोडे गांव में बतौर वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी होती है।

Ashish Pandey
Published on: 19 March 2023 4:51 PM GMT
Amritpal Singh News: महज 12वीं पास अमृतपाल आखिर पांच महीने में कैसे बन गया खालिस्तानी मूवमेंट का अगुआ
X
AmritPal Singh

Lucknow News: आज कल अमृतपाल का नाम पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे देश में काफी चर्चा में है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। पुलिस ने पंजाब में अमृतपाल की तलाश में तलाशी अभियान चला रखा है। पुलिस ने इस मामले में 78 लोगों को हिरासत में भी लिया है। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ हेट स्पीच समेत कई अन्य मामलों में केस दर्ज कर रखा है। यहां सवाल उठ रहा है कि आखिर यह अमृतपाल है कौन, और पुलिस के लिए वह मोस्ट वांटेड क्यों बन गया है। यहां सवाल उठता है कि अमृतपाल सिंह कैसे पांच महीने में ही खालिस्तान मूवमेंट का अगुआ बन गया। कैसे युवा उसके साथ जुड़ने लगे। आखिर चाहता था और उसका इरादा क्या है।

मास्टर प्लान तैयार कर रखा था

अचानक पंजाब में आकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चुनौती देने वाला अमृतपाल सिंह पंजाब के युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर रखा था। वह युवाओं को अमृतपान व नशा छुड़ाने के नाम पर अपने साथ जोड़ रहा था, लेकिन वहीं इसके साथ ही वह पंजाब में खालिस्तान लहर को खड़ा भी कर रहा था। इसका मतलब उसका इरादा साफ था। खालिस्तान की मांग को लेकर अपने को पंजाब में मजबूत बनाना।

केवल 12वीं तक पढ़ा है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह केवल 12वीं पास है। उसका जन्म पंजाब के अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में 1993 में हुआ था। केवल 12 तक पढ़ा अमृतपाल अचानक से दुबई चला गया और वहां पर ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़ा था। पंजाबी एक्टर और ऐक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने 30 सितंबर 2021 में वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना की थी। दीप सिद्धू ने इसका मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना बताया था। किसान आंदोलन और उसके बाद 26 जनवरी 2021 को लाल किला हिंसा मामले में दीप सिद्धू का नाम चर्चा में आया। 15 फरवरी 2022 को दिल्ली से पंजाब लौटते समय सोनीपत के पास सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो जाती है।

वारिस पंजाब दे संगठन का बन गया नया सर्वेसर्वा

वहीं मार्च में दावा किया जाता है कि अमृतपाल अब वारिस पंजाब दे संगठन का नया सर्वेसर्वा है। 29 सितंबर 2022 को अमृतपाल मोगा के रोडे गांव पहुंचता है। यह वही रोडे गांव था जहां से खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले की जड़ें जुड़ी हुई थीं। 29 सितंबर को ही रोडे गांव में बतौर वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी होती है। इसके बाद अमृतपाल सिंह सीधे देश की सरकार और सिस्टम को चैलेंज देने लगता है। अमृतपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ललकारते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी कुचलने की कोशिश की थी, अब अमित शाह भी अपना चाव पूरा कर देख लें। वह पंजाब में धीरे-धीरे अपने साथ युवाओं को जोड़ने लगा और अपनी ताकत बढ़ाने लगा।

एनआरआई से की है शादी

अमृतपाल सिंह ने 10 फरवरी को पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप कौर के साथ शादी की थी। अमृतसर में बाबा बकाला के एक गुरुद्वारे में आयोजित आनंद कारज में दोनों पक्षों के परिवार के सदस्य शामिल हुए थे। किरणदीप का परिवार मूलतः जालंधर के कुलारां गांव का रहने वाला है। कुछ समय पहले पूरा परिवार इंग्लैंड में बस गया था।

हथियारों से लैस हो खाथियों संघ थाने पर बोला था हमला

पिछले महीने ही अमृतपाल और उसके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था। पुलिस स्टेशन पर धावा अमृतपाल के समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर बोला था। इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। अमृतपाल के खिलाफ उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की।

शिकायत पर साथी को जड़ दिए थे 15 से 20 थप्पड़

शिकायतकर्ता बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह अमृतपाल के प्रशंसक थे, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने सहयोगियों के गलत कामों को उजागर किया तो अमृतपाल नाराज हो गया और कथित तौर पर बरिंदर को 15 से 20 बार थप्पड़ जड़ दिया और गाली-गलौज कर अभद्रता की। आरोप है कि रुपनगर जिले के सलेमपुर गांव के रहने वाले फरियादी को तीन घंटे तक पीटा गया। बरिंदर ने अमृतपाल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।

भिंडरांवाला का परिवार कर चुका है किनारा

दमदमी टकसाल के मुखी रहे संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला के भतीजे जसबीर सिंह रोडे ने वारिस पंजाब दे जत्थेबंदी के मुखी अमृतपाल सिंह से किनारा कर चुका है। जसबीर ने कहा कि अमृतपाल की विचारधारा से उनका कोई लेना देना नहीं है। अमृतपाल भिंडरांवाला की जगह नहीं ले सकता। वो एक अलग शख्सियत थे। उन्होंने कभी भी खालिस्तान बनाने की मांग नहीं की थी।

खालिस्तान अमृतपाल का अपना एजेंडा हो सकता था

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई जरनैल सिंह रोडे ने कहा कि खालिस्तान अमृतपाल का अपना और उसकी जत्थेबंदी का एजेंडा हो सकता है। भिंडरांवाला परिवार इससे कोई इत्तफाक नहीं रखता।

भिंडरांवाला ने भी कभी खालिस्तान की मांग नहीं की थी

उन्होंने कहा कि अमृतपाल यदि सिख धर्म के प्रचार-प्रसार या अमृतपान की मुहिम चलाता है तो हम उसका साथ देंगे, लेकिन अलग खालिस्तान या राज्य की मांग का वह समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला ने भी कभी खालिस्तान की मांग नहीं की थी। वे हमेशा ही आनंदपुर साहिब मत्ते को लागू करने की मांग करते थे। इसके तहत राज्यों को अधिकार दिए जाने की वकालत थी, उसमें खालिस्तान की कोई बात नहीं थी।

Ashish Pandey

Ashish Pandey

Next Story