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कोरोना वायरसः खुद पहचानें लक्षण, शुरुआत में ही लें कोविड उपचार
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बहुत घातक है। यह संक्रमण के 24 घंटे के अंदर फेफड़ों पर पूरी तरह कब्जा कर ले रहा है
लखनऊ: कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बहुत घातक है। यह संक्रमण के 24 घंटे के अंदर फेफड़ों पर पूरी तरह कब्जा कर ले रहा है जबकि पीड़ित व्यक्ति की एंटीजन, आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आती रहती है। ऐसे में निगेटिव रिपोर्ट देखकर लोग इसे मामूली वायरल इंफेक्शन मानने की गलती कर बैठता है और कई बार अगले 24 घंटे उसके प्राणों पर भारी हो जाते हैं। कई बार ऐसा भी हो रहा है कि कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं दिखने पर भी व्यक्ति का अचानक ऑक्सीजन लेवल कम होने लग जा रहा है। जिससे उसके प्राणों पर संकट आ जाता है।
विशेषज्ञ इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि इस चालबाज कोरोना के नये स्ट्रेन को कैसे काबू में किया जाए। महामारी विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंह का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद कोई लक्षण प्रकट न हों। उन्होंने कहा कि संक्रमण होने पर प्रकट हो रहे लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है। अगर कफ बन रहा है, खांसी आ रही है या बुखार आता है तो अलर्ट हो जाना चाहिए जांच करा लें। नया स्ट्रेन चूंकि एटीजन और आरटीपीसीआर को चकमा दे रहा है इसलिए सीटी स्कैन कराकर दवाओं को तत्काल शुरू कर दिया जाए तो वायरस प्राणघातक नहीं होगा।
डॉ. अमित सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि फेफड़ों में संक्रमण के बाद व्यक्ति को बचाना नामुमकिन है उन्होंने कहा कि समय पर उपचार जरूरी है। अगर आक्सीजन लेवल थोड़ा बहुत कम होता है तो घबड़ाना नहीं चाहिए प्राणायाम, अनुलोम विलोम, मशीन के जरिये भाप लेकर फेफड़ों की ताकत को बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गड़बड़ी यह है कि लोग जांच कराने से बचने की कोशिश करते हैं और शुरुआत में बीमारी को हल्के में ले लेते हैं। जिससे संक्रमण को घातक होने का अवसर मिल जाता है। जरूरत इस बात की है कि शुरुआती लक्षण में ही व्यक्ति कोरंटाइन होकर आइसोलेट हो जाए और खुद की जरूरत पर ध्यान दे। दवाओं को चिकित्सक के परामर्श से शुरू कर दे।
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