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GOOD NEWS: भारत MTCR में शामिल, चीन-पाक को नहीं मिली ये सफलता
नई दिल्ली: भारत एनएसजी सदस्यता के प्रयासों की असफलता को पीछे छोड़ते हुए सोमवार को मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में औपचारिक तौर पर शामिल हो गया। गौरतलब है कि एमटीसीआर दुनिया के चार महत्वपूर्ण परमाणु टेक्नोलॉजी निर्यात करने वाले खास देशों के समूह में अहम है। बीते साल ही भारत ने एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।
भारत ने जताया आभार
-पेरिस में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
-इसके बाद नई दिल्ली में फ्रांस, नीदरलैंड और लक्जेमबर्ग के राजदूतों के साथ इस फैसले को अमली जाम पहनाया गया।
-भारत ने सभी सदस्य देशों का आभार जताया है।
चीन-पाकिस्तान इस समूह के सदस्य नहीं
-एमटीसीआर में कुल 34 प्रमुख मिसाइल निर्माता देश शामिल हैं।
-इसकी स्थापना 1987 में की गई थी।
-फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, इटली और कनाडा इसके संस्थापक सदस्य राष्ट्र हैं।
-अंतिम देश बुल्गारिया था जिसे साल 2004 में इस समूह में शामिल किया गया था।
-इसके बाद किसी नए देश को इसका मौका नहीं मिला।
-अभी तक चीन और पाकिस्तान भी इस विशेष समूह के सदस्य नहीं हैं।
क्या है एमटीसीआर का मकसद ?
एमटीसीआर का मकसद मिसाइलों के प्रसार को प्रतिबंधित करना, रॉकेट सिस्टम को पूरा करने के अलावा मानव रहित जंगी जहाजों पर 500 किलो वजन वाले मिसाइल को 300 किमी तक ले जाने की क्षमता वाली तकनीक को बढ़ावा देना है। बड़े विनाश वाले हथियारों और तकनीक पर पाबंदी लगाना भी इस समूह का मकसद है।
अब नजर अन्य समूहों पर
एमटीसीआर में शामिल होने के बाद भारत दो अन्य समूहों ऑस्ट्रेलियन ग्रुप और वास्सेनार एग्रीमेंट में शामिल होने की कोशिश में जुटा है।