ईरान-इराक सीमा पर 7.3 तीव्रता का भूकंप, 328 की मौत, हजारों घायल

ईरान-इराक सीमा के पास रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया। इस दौरान 134 लोगों की मौत हो गई, जबकि हजारों घायल हो गए। ईरान के सरका

Anoop Ojha
Published on: 13 Nov 2017 5:49 AM GMT
ईरान-इराक सीमा पर 7.3 तीव्रता का भूकंप, 328 की मौत, हजारों घायल
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तेहरान/बगदाद: इराक-ईरान सीमा पर भारतीय समय के अनुसार रविवार की रात 1 बजे आए भूकंप में 207 लोगों की मौत हो चुकी है और 1700 से अधिक जख्मी हुए हैं । रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.2 रिकॉर्ड की गई। भूकंप का केंद्र कुर्दिस्तान के हलब्जा से 30 किलोमीटर दूर था।

यहां से 300 किलोमीटर दूर बगदाद, कुवैत और कतर में असर देखा गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक 207 लोगों की मौत हो चुकी है। 1700 से ज्यादा जख्मी हुए हैं। कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। मलबा हटाने पर मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।भूकंप के बाद इराक और ईरान के सीमा के इलाकों से तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं। इराक के दरबनदिखान इलाके में कई इमारतें ढह गईं।

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ईरान की ऑफिशियल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भीषण भूकंप में उनके 67 लोगों की मौत हुई, 300 से ज्यादा के जख्मी होने की खबर है। लैंडस्लाइड के बाद कई हाईवे बंद हो चुके हैं। रेड क्रॉस की 30 टीमें बचाव में जुटी हैं ।

कतर में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई। 105 जख्मी हुए हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र कुर्दिस्तान के हलब्जा से 30 किलोमीटर दूर था। तब वहां रात के 9.20 बजे का वक्त था।भूकंप से कुवैत के इस्तकलाल, मालमिया और जलीब इलाके में रह रहे लोग सहम गए। अचानक तीन झटकों से लोग घरों से बाहर निकल आए। कई इमारतों में दरारें आई हैं। चारों तरफ दहशत का माहौल था।

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सुलेमानिया प्रांत के गवर्नर उमर अहमद ने सोमवार तड़के सीएनएन को बताया कि इराक के दरबंदीखान में चार लोगों की मौत हो गई।बचाव अधिकारियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।



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अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप ईरान की पूर्वोत्तर सीमा के पास इराक के हालाब्जा शहर के 30 किलोमीटर दक्षिणपश्चिम में आया।भूकंप 33.9 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया और इसके झटके तुर्की, इजरायल, कुवैत, लेबनान और यहां तक कि पाकिस्तान में भी महसूस किए गए।

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इराक के मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों को इमारतों से दूर रहने और एलेवेटर का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी है।प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी भूकंप के बाद देश की नागरिकों की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।भूकंप के कारण क्षेत्र में 20 से अधिक गांव नष्ट हो गए हैं और बिजली एवं पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है।

क्यों आता है भूकंप?

धरती की प्लेटों के टकराने से आता है। हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है।करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं। लेकिन यूरोप में कुछ स्थानों पर ये अपेक्षाकृत कम गहराई पर हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।

प्लेटें टकराती हैं। दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

भूंकप के केंद्र और तीव्रता

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती की ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की गहराई

हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।

भूकंपीय माइक्रोजोनिंग क्या है?

अपने देश में भूकंप माइक्रोजोनिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसमें क्षेत्रवार जमीन की संरचना आदि के हिसाब से जोनों के भीतर भी क्षेत्रों को भूकंप के खतरों के हिसाब से तीन माइक्रोजोन में विभाजित किया जाता है। दिल्ली, बेंगलूर समेत कई शहरों की ऐसी माइक्रोजोनिंग हो चुकी है।

सामान्य भूकंप

रिक्टर स्केल पर 5 से कम तीव्रता वाले भूकंपों को हल्का माना जाता है। साल में करीब 6000 ऐसे भूकंप आते हैं। जबकि 2 या इससे कम तीव्रता वाले भूकंपों को रिकार्ड करना भी मुश्किल होता है तथा उनके झटके महसूस भी नहीं किए जाते हैं। ऐसे भूकंप साल में 8000 से भी ज्यादा आते हैं।

बड़े भूकंप कौन से होते हैं ?

रिक्टर स्केल पर 5-5.9 के भूकंप मध्यम दर्जे के होते हैं तथा प्रतिवर्ष 800 झटके लगते हैं। जबकि 6-6.9 तीव्रता के तक के भूकंप बड़े माने जाते हैं तथा साल में 120 बार आते हैं। 7-7.9 तीव्रता के भूकंप साल में 18 आते हैं। जबकि 8-8.9 तीव्रता के भूकंप साल में एक आ सकता है। इससे बड़े भूकंप 20 साल में एक बार आने की आशंका रहती है।

कौन से भूकंप त्रासदी मचाने वाले होतें है

रिक्टर स्केल पर आमतौर पर 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं। लेकिन यह क्षेत्र की संरचना पर निर्भर करता है। यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बगैर ऊंची इमारतें बनी हों तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है।

--आईएएनएस

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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