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PM के मेक इन इंडिया का सपना साकार, इसरो ने लॉन्च किया अपना स्पेस शटल
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार स्वदेशी, पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाला प्रक्षेपण यान (आरएलवी)प्रक्षेपित किया गया। यह भारत का अपना अंतरिक्ष यान है। स्वदेशी स्पेस शटल का सफल परीक्षण कर भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली।
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देश का पहला स्वदेशी स्पेस शटल
-सोमवार को सुबह 7 बजे इसरो ने श्रीहरिकोटा से देश के पहले स्वदेशी स्पेस शटल के स्केल मॉडल का परीक्षण किया जो सफल रहा।
-अब भारत भी अपना स्पेस शटल अंतरिक्ष में भेज सकेगा।
-इस स्पेस शटल को एक रॉकेट के जरिए आवाज़ से पांच गुना ज्यादा गति के साथ अंतरिक्ष में भेजा गया।
-स्पेस शटल वापस लौट कर बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर समुद्र में लैंड करेगा।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
Launch of India's first indigenous space shuttle RLV-TD is the result of the industrious efforts of our scientists. Congrats to them.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2016
यान का वजन 1.75 टन है
अमेरिकी अंतरिक्ष यान की तरफ दिखने वाले डबल डेल्टा पंखों वाला यान को एक स्केल मॉडल के रूप में प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया गया जो अपने अंतिम संस्करण से करीब छह गुना छोटा है। 6.5 मीटर लंबे ‘विमान’ जैसे दिखने वाले यान का वजन 1.75 टन है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख किरण कुमार ने प्रायोगिक आरएलवी के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह मूल रूप से अंतरिक्ष में बुनियादी संरचना के निर्माण का खर्च कम करने की दिशा में भारत द्वारा की जा रही एक कोशिश है। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले रॉकेट वास्तविकता का रूप ले लें तो अंतरिक्ष तक पहुंच का खर्च दस गुना कम हो सकता है।
इसरो प्रमुख ने क्या कहा
प्रक्षेपण की लागत कम करने के लिए आरएलवी हमारे लिए एक प्रक्रिया है। हमारा इरादा कई प्रौद्योगिकीय प्रदर्शन कवायद को करना है। इसमें पहला एचईएक्स-01 है जो एक हाइपर-सोनिक प्रयोग है।
India breaks yet another space barrier by launching 1st ever indigenous reusable space shuttle,RLV-TD
— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) 23 May 2016
Kudos @ISRO
— #AkhandBharat © (@irkjain) 23 May 2016
Successful test launch of India's first ever indigenous space shuttle is a great milestone. Congratulations to talented scientists of @ISRO.
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 23 May 2016