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वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, आम से लेकर खास तक नहीं डाल सके वोट
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण कई मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके।
देवरिया से भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह का नाम भी वोट न दे पाने वालों में शामिल है। वहीं वोटर लिस्ट में आठ माह की बच्ची का नाम होने का मामला भी सामने आया है। कई जगहों पर मतदान सूची में नाम न होने के कारण मतदाताओं ने हंगामा भी किया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सांसद कलराज मिश्र का नाम मतदाता सूची से गायब था। वे बिना वोट डाले ही अपने काम से रायबरेली चले गए। पिछले निकाय चुनाव में भी उनका नाम सूची में नहीं था। पूर्व मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस दफा सूची में नाम जुड़वाने के लिए जरूरी कार्रवाई भी करवाई थी, फिर भी उनका नाम सूची में नहीं था।
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इसके साथ ही डीजीपी सुलखान सिंह का नाम भी मतदाताओं सूची से गायब रहा। वह भी वोट नहीं डल सके। डीजीपी सुलखान सिंह समेत लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में रिवर व्यू के सभी अपार्टमेंट में रहने वाले मतदाता मतदान से वंचित रह गए। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने रिवर व्यू अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के नाम नगर निगम को नहीं सौंपे थे जिसकी वजह से उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं शामिल हुआ।
इसके अलावा मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण लखनऊ के तीन बार मेयर रह चुके दाऊजी गुप्ता भी वोट नहीं डाल सके। वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ बशीरतगंज वार्ड के हिंदू बाल विद्यालय मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचे। लेकिन उनका भी मतदाता सूची में नहीं था। उन्होंने करीब तीन घंटों तक अपने और अपने परिवार का नाम सूची में तलाशा, लेकिन नाम नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि उनसे उनका लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिया गया। उनका नाम लिस्ट में नहीं मिलने पर भाजपा, सपा और अन्य दलों के क्षेत्रीय नेताओं ने मतदान केंद्र पर जमकर हंगामा किया।
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इसके साथ ही गोमतीनगर के विशाल खंड के 17 घरों में से किसी का नाम सूची में नहीं था। जानकारी के अनुसार 1/405 से 1/422 में से किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था। पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी जैनेंद्र सिंह का नाम भी वोटर लिस्ट से नदारद रहा। नाम न होने के कारण वार्ड 45 के बूथ संख्या 871 में अफरातफरी का माहौल रहा।
लखनऊ में अलीगंज के डंडइया बाजार निवासी वीके श्रीवास्तव की उम्र करीब 70 वर्ष है। बीते कई वर्ष से विधानसभा से लेकर नगर निगम में लगातार चुनावों में वह वोट डाल रहे थे लेकिन इस बार नगर निगम चुनाव की मतदाता सूची से उनका नाम गायब रहा।
वहीं वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा। वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के बाद वीरभद्र निषाद ने कहा कि इस मामले की शिकायत वो डीएम और राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल से करेंगे। यहीं नहीं वाराणसी में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय कार्यालय के प्रभारी शिव शरण पाठक का नाम भी मतदाता सूची से गायब रहा। पाठक सिगरा से मतदाता हैं।
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मतदाता सूची में गाजियाबाद की आठ वर्ष की एक बच्ची का नाम शामिल किया गया। वहीं लखनऊ के गोमतीनगर में चिनहट वार्ड के मकान नंबर 2/57 में से एक दो नहीं बल्कि 67 मतदाताओं के नाम दर्ज मिले।
उत्तर प्रदेश उप्र निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को 25 जिलों में मत डाले गए। तीसरे चरण का मतदान 29 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 1 दिसंबर को होगी।
--आईएएनएस