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फरार कैदी ने उगला राज, कहा- जेलर साहब ने खुद गाड़ी से घर तक छोड़ा था
कौशाम्बी: यूपी में खाकी वर्दी पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा है। जी हां, ताजा मामला कौशाम्बी जिले का है। जिला जेल में बंद हत्या के सजायाफ्ता कैदी को किसी और ने नहीं बल्कि खुद डिप्टी जेलर और दो सिपाहियों ने ना केवल आजाद कराया बल्कि उसे बाकायदा सरकारी गाडी में बैठाकर उसे घर तक छोड़ा।
मामले की लीपापोती करते हुए जेलर ने इलाज के दौरान कैदी के अस्पताल से फरार हो जाने की बात कही थी। ये मामला तब खुला जब जिला पुलिस ने फरार कैदी को उसके ही घर से गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ के बाद जो सच्चाई सामने आई वो चौंकाने वाली थी।
कैदी ने बताया, उसने इस काम के लिए डिप्टी जेलर को पैसे दिए थे। जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई है। डिप्टी जेलर डी.के. सिंह सहित दोनों आरोपी सिपाहियों के खिलाफ षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया गया है। डिप्टी जेलर अभी फरार हैं।
ऐसे खुला मामला
मामला 30 जून का है। हत्या के आरोप में जेल में बंद विचाराधीन कैदी दीपक पांडेय जिला अस्पताल से इलाज के दौरान फरार हो गया। दीपक के फरार होते ही मंझनपुर पुलिस ने मामले की छान-बीन शुरू की। जांच में पुलिस को बेहद चौंकाने वाले सबूत हाथ लगे।
आरोपी सिपाहियों ने बताया ठिकाना
पुलिस उन्हीं सबूतों के आधार पर जेल पुलिस के कांस्टेबल सुनील गौर और अवधेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछ-ताछ शुरू की। दोनों सिपाहियों ने फरार हत्यारोपी दीपक पांडेय के छिपने के ठिकाने के बारे में बताया। बाद में पुलिस ने फरार कैदी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस आरोपी जेलर की तलाश में
पुलिस गिरफ्त में आने के बाद कैदी दीपक ने पुलिस के सामने अपने फरार होने की कहानी बयां की। उसने बताया जेल से फरार होने में किस तरह कौशाम्बी जिला जेल के डिप्टी जेलर डी.के. सिंह ने उसकी मदद की। इसके बाद डिप्टी जेलर डी.के. सिंह के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 222 और 225 के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारियों ने आरोपी डिप्टी जेलर को गिरफ्तार करने के लिए दो टीमें गठित की है।
क्या कहा जेल डीआईजी ने ?
इस घटना के बाद बुधवार को इलाहाबाद जेल परिक्षेत्र के उप पुलिस महानिरीक्षक संतोष श्रीवास्तव जांच के लिए कौशाम्बी जेल पहुंचे। करीब चार घंटे की जांच में सभी तथ्यों के साथ आरोपी सिपाहियों का बयान दर्ज किया गया। संतोष श्रीवास्तव ने कहा, वो खुद इस मामले की जांच कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा।