मुंबई ब्लास्ट केस: पोटा कोर्ट ने सुनाया फैसला, 10 में तीन को उम्रकैद

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Published on: 6 April 2016 8:22 AM GMT
मुंबई ब्लास्ट केस: पोटा कोर्ट ने सुनाया फैसला, 10 में तीन को उम्रकैद
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मुंबई: मुंबई में साल 2002-03 में हुए बम धमाकों के मामले में स्पेशल पोटा कोर्ट ने 10 दोषियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन 10 दोषियों में से मुख्य आरोपी समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मामले के मुख्य आरोपी मुजम्मिल अंसारी, उसके दो साथियों वाहिद अंसारी और फरहान खोट को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने बाक़ी आरोपियों को जो सजा सुनाई है, उससे ज्यादा समय वे जेल में काट चुके हैं इसलिए औपचारिकताएं पूरी करने बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने मुजम्मिल अंसारी को मौत की सजा और अन्य चार को उम्र कैद की सजा सुनाने की मांग की थी।

इससे पहले बीते 29 मार्च को कोर्ट ने 13 में से 10 आरोपियों को गुनाहगार बताया था। इसमें साकिब अतीफ मुल्ला, हासिब मुल्ला, गुलाम कोतल मोहम्मद कामिल, नूर मलिक, अनवर अली खान, फरहान खोट, वाहिद अंसारी और मुजम्मिल अंसारी का नाम शामिल था।

2002-03 में हुए थे तीन बम धमाके

2002-03 के बीच मुंबई के अलग-अलग स्थानों पर तीन बम धमाके हुए थे जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 139 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों को निशाना बनाया था।

-6 दिसंबर 2002 को पहला धमाका मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर हुआ था। इस धमाके में 27 लोग जख्मी हुए थे।

-दूसरा धमाका 27 जनवरी 2003 को विले पारले रेलवे स्टेशन पर हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 32 अन्य घायल हो गए थे।

-इसके बाद 13 मार्च 2003 को तीसरा और आखिरी धमाका मुलुंड स्टेशन पर एक ट्रेन के लेडीज कोच में किया गया था। तीसरे धमाके में 90 लोग घायल हुए थे।

धमाके तो अलग-अलग जगह पर हुए लेकिन जांच में पता चला कि इसके पीछे सिमी का हाथ है। लिहाजा सभी मामलों को जोड़कर एकसाथ मुकदमा चला।

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