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कन्हैया को बुला आयोजकों ने की मनमानी, लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल रद्द
लखनऊ: यूपी में जहां हर राजनीतिक पार्टियाँ निकाय चुनाव में अपनी जोर आजमाईश करने में जुटी है, वहीँ इसके बीच राजधानी के शिरोज हैंगआउट में 'साहित्य,राजनीति और हम' थीम से शरू हुआ लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल के पांचवे संस्करण का आगाज होते ही उसका समापन हो गया है। साहित्य और राजनीति की चर्चा के बजाय कार्यक्रम स्थल अखाड़ा बन गया और आयोजकों की मनमानी के चलते जिला प्रशासन ने फेस्टिवल को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
लिटरेरी फेस्टिवल के आयोजक ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले मेहमानों लिस्ट प्रशासन को सौंपी थी और सशर्त उन्हें अनुमति भी दी गयी लेकिन आयोजकों ने अपनी मनमानी दिखाते हुए जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और एमआईएम चीफ असुद्दीन ओवैसी को भी बुलावा दे दिया। शुक्रवार को जब कन्हैया फेस्टिवल पहुंचे तो एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी। हालांकि उसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचे कर कार्यक्रम शुरू तो करा दिया लेकिन 10 नवंबर से 12 नवंबर तक चलने वाले फेस्टिवल को पहले दिन ही प्रशासन ने इसे रद्द कर दिया।
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फेस्टिवल के आयोजक इस कार्यक्रम को रद्द करने का विरोध कर रहे है। लिटरेरी फेस्टिवल के संयोजक शमीम ए आरजू ने कहा कि अगर प्रशासन को लगता है कि कन्हैया और ओवैसी गलत है तो इन्हें गिरफ्तार करे। संयोजक ने कहा कि वो हर कीमत में ओवैसी का फेसबुक लाइव करेंगे।
फेस्टिवल बना बीजेपी के खिलाफ चर्चा का मंच
‘साहित्य,राजनीति और हम’ थीम से शुरू हुआ लिटरेरी फेस्टिवल पूरी तरह से केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मंच बन गया। बिना प्रशासनिक अनुमति के पहुंचे कन्हैया कुमार ने सबसे पहले मोदी सरकार के खिलाफ बोलते हुए कहा कि 18 राज्यो में आपकी सरकार है, आप किसी आदमी को बोलने से रोक रहे है, जो सही नहीं है। मैं स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हूं। मुझे कोई इतनी जल्दी नहीं हरा सकता है।
अपनी किताब की चर्चा करने पहुंचे बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इस फेस्टिवल को बीजेपी की नीतियों के खिलाफ का मंच बनाते हुए एक बार फिर से अपनी भड़ास निकाली। सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी गलत थी और जीएसटी की प्रक्रिया बहुत जटिल है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कारखाने बंद हुए, उत्पाद कम हुए, युवाओं का रोजगार चला गया और त्राहिमाम की स्थिति हो गई। ऐसा मुझे नहीं बहुत सारे लोगो को लगा और मैं इसे छुपा कर नहीं रख सकता।
इस कार्यक्रम में यूपी के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी भी पहुंचे थे और उनका भी इस विवादों से भरे फेस्टिवल में एक अहम् रोल रहा। कार्यक्रम की शुरुआत होते ही कन्हैया कुमार के साथ हांथ पाई होते देख अजीज ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इस तरह से अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा जा रहा है, लेकिन जब कन्हैया मंच पर अपनी किताब का विमोचन कर रहे हैं, तब उन्हें भी मंच पर बुलाया गया, लेकिन उन्होंने आने से इंकार कर दिया।
बता दें लखनऊ में गोमतीनगर स्थित शीरोज हैंगआउट में 10 नवंबर से 12 नवंबर तक चलने वाले लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल में पत्रकार अभिसार शर्मा, बीजेपी सांसद वरुण गांधी भी शामिल होने वाले थे।
जिलाधिकारी ने न्यूज ट्रैक से कहा कि कार्यक्रम स्थल पर यदि अब कोई हंगामा होता है तो इसके जिम्मेवार लोगों को अरेस्ट भी किया जाएगा । चाहे वो कोई भी हो ।
पुलिस ने पैक करवाए सामान:
- पुलिस ने लिटरेरी फेस्टिवल पहुंच कर सारा सामान पैक करवाने को कहा।
- बता दें कि कल कन्हैया कुमार के प्रोग्राम में हुए हंगामे के बाद डीएम ने प्रोग्राम रद्द किया था।