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प्रयाग में शुरू हुआ माघ मेला, संगम तट पर लाखों भक्तों ने लगाई डुबकी
इलाहाबाद. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर आज लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसी के साथ माघ मेले की शुरुआत भी हो गई। इस मेले को मिनी कुंभ भी कहा जाता है। एक महीने तक संगम तट का नजारा किसी की नजर से नहीं उतरता है। यहां भक्तों का मेला लगता है और रंग-बिरंगे तंबुओं का एक छोटा सा शहर बस जाता है। सूरज की पहली किरण जब इन तंबुओं पर पड़ती है तो अनेकों धार्मिक आस्थाओं का संगम होता है। वहीं, भक्ति का ऐसा दरिया बहता है कि इंसान दुनियादारी सब भूल जाता है।
डीएम संजय कुमार के मुताबिक, मकर संक्राति पर करीब 25 लाख भक्त संगम में डुबकी लगाएंगें। वहीं, मौनी अमावस्या तक ये आंकड़ा 10 मिलियन तक पहुंच सकता है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 7,260 फीट जगह में 12 स्नान घाट बनाए गए हैं। घाटों पर डीप वॉटर बैरीकेडिंग भी लगाई गई है। संगम का स्नान घाट 2,000 फीट का बनाया गया है।
वहीं, अरैल स्नान घाट 700 फीट लंबा है। राम घाट, महावीर जी स्नान घाट 250 फीट लंबा है।
क्या है पौराणिक महत्व?
* ऐसी मान्यता है कि हर साल माघ महीने में जब सूर्य मकर राशि में होता है, तब साधु-संतों समेत सभी श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान करके पुण्य कमाते हैं।
* इस दौरान छह प्रमुख स्नान पर्व होते हैं। मकर संक्रांति (15-16 जनवरी), पौष पूर्णिमा (23 जनवरी), मौनी अमावस्या (8 फरवरी), बसंत पंचमी (12 फरवरी) माघ पूर्णिमा (22 फरवरी) और महाशिवरात्रि (7 मार्च)।
* पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मेले में आने वाले भक्तों की आवभगत खुद भगवान करते हैं।* माघ के महीने में दान का भी विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि तिल, गुड़, और ऊनी वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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क्या-क्या की गई तैयारियां?
* पुल नंबर 1 में आई खराबी को ठीक किया गया। इसे लोक निमार्ण विभाग ने बनाया था।
* लोक निमार्ण विभाग ने 5 पान्टून पुल बनाए हैं। वहीं, किसी दुर्घटना के वक्त स्थिति से निपटने के लिए 37 पान्टून को पुल के बगल में रखा गया है।
* अगर पुल बह भी गया तो इन पान्टून को जोड़कर पुल को चालू कर दिया जाएगा।
* इस बार का माघ मेला 1540 बीघा यानि कि 868 एकड़ में बसाया गया है।
* संगम स्नान घाट दो हजार रनिंग फीट का बनाया गया है।
* मोटरबोट और नाव का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा।
* मेला में सुरक्षा व्यस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही पुलिस स्टेशन भी बनाए गए हैं।
* जब तक मेला चलेगा, तब तक शहर के 27 नालों को बंद कर दिया गया है।
* विद्युत विभाग ने मेले में बिजली की व्यवस्था के लिए 9 हजार पोल लगाए हैं।
* स्वास्थ विभाग की तरफ से मेले में अस्पताल बनाया गया है। मेले के बाद होने वाली गंदगी की सफाई के लिए 10 लाख का अतिरिक्त बजट स्वास्थ विभाग को दिया गया है।
* जल निगम ने 130 किमी. की मेन पाइपलाइन बिछाई है। वहीं, आबादी वाले इलाके में 120 किमी. की एक्सट्रा पाइपलाइन बिछाई गई है।