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Political News: मायावती ने महाबोधि मंदिर कमेटी में गैर बौद्धों के शामिल होने पर कांग्रेस को बताया जिम्मेदार: वक्फ बोर्ड कानून पर पुनर्विचार की जरूरत
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बोधगया के महाबोधि मंदिर को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बोधगया, बिहार का एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहां स्थित महाबोधि मंदिर की पवित्रता और देखभाल के लिए केवल बौद्ध अनुयायियों को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
Lucknow News: Photo-Social Media
Political News: बहुजन समाज पार्टी सुप्रमो मायावती ने अपने बयान में कहा कि बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में गैर-बौद्ध धर्म के लोगों को जगह देने के लिए तब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार से इस निर्णय में तत्काल बदलाव की मांग की।
मायावती ने नए वक्फ कानून में गैर-मुसलमानों को भी जगह देने के सरकार के फैसले का विरोध किया और इसे धार्मिक असंवेदनशीलता करार दिया। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने सरकार से वक्फ बोर्ड कानून को लेकर पुनः विचार करने का आग्रह किया। वहीं उन्होंने 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर अपने अनुयायियों को शुभकामनाएं भी दी हैं।
बोधगया में बौद्ध अनुयायियों के लिए ही तैनाती: मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बोधगया के महाबोधि मंदिर को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बोधगया, बिहार का एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहां स्थित महाबोधि मंदिर की पवित्रता और देखभाल के लिए केवल बौद्ध अनुयायियों को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर गैर-बौद्ध धर्म के लोगों का बढ़ता हुआ प्रभाव मंदिर के धार्मिक स्वरूप को खतरे में डाल सकता है। बौद्ध समुदाय में इस मुद्दे को लेकर व्यापक आक्रोश फैल चुका है।
कांग्रेस सरकार के द्वारा बने कानून का विरोध
मायावती ने कांग्रेस सरकार के समय 1949 में बनाए गए बोधगया मंदिर प्रबंधन कानून को भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस कानून में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार हिंदू और चार बौद्ध धर्म के अनुयायी लोगों की समिति बनाने का प्रावधान किया गया था, जो न केवल अनुचित था, बल्कि धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला भी था। उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून को कांग्रेस के समय ही ठीक से देखा जाना चाहिए था, और संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के अनुसार किसी गैर धर्म के अनुयायी को महाबोधि मंदिर की प्रबंधन समिति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए था।
महाबोधि मंदिर की पवित्रता पर जोर
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि महाबोधि मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने और उसकी उचित देखभाल के लिए बौद्ध भिक्षुओं और अनुयायियों को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। उनका कहना था कि गैर-बौद्ध धर्म के लोगों की अनावश्यक दखलंदाजी से मंदिर की पूजा, देख-रेख और इसकी सम्पत्तियों का संरक्षण प्रभावित हो सकता है, जिससे बौद्ध धर्म के अनुयायी नाराज हैं। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।