मंत्री रामूवालिया ने कहा- जेलों में चल रहा मुगलिया शासन, होती है वसूली

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Published on: 4 April 2016 2:29 PM GMT
मंत्री रामूवालिया ने कहा- जेलों में चल रहा मुगलिया शासन, होती है वसूली
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वाराणसी: काशी के जिला जेल में लगातार दो दिन हुए बवाल के बाद सोमवार को प्रदेश के कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री ने माना कि जेल में पिछले 5-6 महीने से कुछ न कुछ पक रहा था। ये भी माना कि जेल के भीतर कैदियों से वसूली हो रही थी। उन्होंने यहां तक कहा कि जेल में मुगलिया शासन चलाया जा रहा है, जिसे बंद किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ''कैदियों से मुलाकात कराने के नाम पर वसूली होती थी। लंबे समय से चल रहे वसूली और उत्पीड़न की वजह से ही कैदियों का गुस्सा फूट पड़ा। बंदी रक्षकों और जेल स्टाफ को सख्त निर्देश दिया है कि जेल में भ्रष्टाचार बंद करें। जेल विजिटर की रिपोर्ट आने के बाद जेल अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।''

डीएम के अधीन काम करेंगे जेल अधीक्षक

-मंत्री ने बताया कि जेल में बवाल के बाद नियुक्त नए जेल अधीक्षक महीने भर तक डीएम की ओर से नियुक्त जेल अधीक्षक के अधीन काम करेंगे।

-बता दें कि घटना के दिन यानी शनिवार को डीएम राजमणि यादव ने एसीएम चतुर्थ को जेल अधीक्षक नियुक्त किया था।

-मंत्री ने बताया कि महीने भर तक एसीएम चतुर्थ ही जेलर होंगे। वही अंदर की सारी रिपोर्ट डीएम और शासन को देंगे और उनकी रिपोर्ट पर जेल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी।

परोस रहे थे खराब खाना

-मंत्री ने मीडिया के सामने माना कि जेल में कैदियों को बेहद खराब खाना दिया जाता था। कैदियों के आक्रोश का कारण बना और इतना बवाल हुआ।

-शासन इसकी भी पड़ताल कराएगा कि इसके लिए कौन दोषी है। कहा कि जेल प्रशासन को चेता दिया है कि वे बंदियों को गोदाम का माल न समझें।

-उन पर अंग्रेजी या मुगलिया शासन न चलाएं। बंदी भी इंसान हैं, उनके साथ इंसानों जैसा व्यवहार करें।

-जेल मुआयने में यह भी पता चला कि मुलाकात के दौरान जिन शातिर अपराधियों पर निगाह रखी जानी चाहिए। जिस तरह से खुफिया तंत्र चौकस रहना चाहिए वह भी ठीक से नहीं हो रहा था।

60 साल से अधिक के कैदी जाएंगे गृह जनपद

-मंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी जेलों में बंद 60 साल से अधिक के बंदियों को उनके गृह जनपद की जेलों में भेजा जाएगा।

-ऐसा इसलिए कि वे परिवार के लोगों से मिल सकें। बंदी भी इंसान हैं। उन्होंने कहा कि करीब ऐसे 3200 बुजुर्ग बंदी हैं, जिन्हें जल्द रिहा किया जाएगा।

जुलाई तक अंग्रेजों के जेल मैनुअल की छुट्टी

-अहलुवालिया ने कहा कि हर हाल में 30 जुलाई तक अंग्रेजों द्वारा 1895 में बनाए जेल मैनुअल की छुट्टी हो जाएगी।

-मुलाकातियों से मिलने वालों के लिए जाली पहले ही हटवा दी है। मुलाकातियों के लिए जेल के बाहर टिन शेड लगाया जाएगा।

-वहां उनके लिए पेयजल और शौचालय तक की व्यवस्था की जाएगी। यह काम शुरू हो गया है।

-जेल प्रशासन को यह मानना पड़ेगा कि बंदियों से मिलने के लिए 200-300 किलोमीटर दूर से आने वाले भी इंसान हैं।

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