TRENDING TAGS :
निर्देशक का गुस्सा, बोले- नापसंद चीजों को मोदी सरकार कर सकती है तबाह
पणजी: अपनी फिल्म 'एस दुर्गा' के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में प्रदर्शित न हो पाने से हतोत्साहित निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने कहा कि इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सत्ता में रहने वाले उन चीजों को नष्ट करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं हैं।
यह भी पढ़ें: केरल फिल्म महोत्सव में होगी ‘एस दुर्गा’ की स्पेशल स्क्रीनिंग
आईएफएफआई के खत्म होने के एक दिन बाद बुधवार को शशिधरन ने फेसबुक पर लिखा, "मैं बिलकुल भी नाखुश नहीं हूं। बल्कि, मैं खुश हूं कि मेरी फिल्म ने उन बहुत सारे लोगों को यह समझने में मदद की है जो पूछते हैं कि अगर संघ सत्ता में आ जाता है तो क्या समस्या है?"
उन्होंने कहा, "यह साबित हो गया है कि जो सत्ता में हैं, वे किसी भी उस चीज को नष्ट करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है।"
यह भी पढ़ें: इफ्फी : ‘एस दुर्गा’ दिखाए जाने को लेकर अनिश्चतता बरकरार
शशिधरन ने आगे कहा, "वे अपने मतलब के लिए कानून का दुरुपयोग कर सकते हैं या न्यायपालिका को अनदेखा कर सकते हैं। वे अपने सहयोगियों को आश्वासन दे सकते हैं कि उनके साथ कुछ भी नहीं होगा भले ही वे अदालतों का पालन न करें। वास्तव में यह एक बहुत ही खतरनाक संदेश है।"
गौरतलब है कि फिल्म महोत्सव में 'एस दुर्गा' और 'न्यूड' फिल्म दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके बाद शशिधरन ने केरल उच्च न्यायालय में अपील की थी।
न्यायालय ने आईएफएफआई को सेंसर करने के बाद ज्यूरी के समक्ष प्रदर्शित किए गए संस्करण को महोत्सव में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने महोत्सव के आखिरी दिन फिल्म के शीर्षक के मुद्दे को उठाकर इसके प्रदर्शित होने पर रोक लगा दी।
उन्होंने कहा, "मैंने कई लोगों को देखा जो खुले तौर पर स्वीकारते हैं कि वे इस सरकार के समर्थक हैं लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में मंत्रालय के मेरी फिल्म के खिलाफ खेले गए खेल से बहुत निराश और दुखी हैं।"
-आईएएनएस