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बंदूक के लाइसेंस के लिए फुरकान बना फूलसिंह, 10 साल किया था इंतजार
बागपतः एक युवक बंदूक के लाइसेंस के लिए धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम से हिंदू बन गया। उसने अपना सिर मुड़वाकर बकायदा चोटी रख ली। इतना ही नहीं फुरकान अहमद नाम का यह युवक अब माथे पर तिलक लगाकर खुद को फूलसिंह बता रहा है।
क्या है मामला
फुरकान अहमद सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करना चाहता है इसके लिए उसे लाइसेंस की जरूरत है।
वह पिछले 6 सालों से प्रशासन के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे लाइसेंस नहीं मिला।
फुरकान उर्फ फूलसिंह ने क्या कहा
-साल 2010 में मैंने सबसे लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
-तीन सालों तक मैं क्लियरेंस और मंजूरियों के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर काटता रहा।
-लेकिन साल 2014 में मेरी फाइल गुम कर दी गई और फिर से वही प्रक्रियाएं दोहराने के लिए कहा गया।
-मैंने दोबारा प्रक्रिया शुरू की अब मेरी फाइल को पूरा हुए कई महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक मुझे लाइसेंस नहीं दिया गया है।
-पिछले 6 सालों में 10 डीएम बदल गए, लेकिन फाइल धूल फांकती रही।
इनकम बढ़ाना चाहते हैं फुरकान
-फुरकान के 6 बच्चे हैं ई-रिक्शा चलाकर वह उनका पालन नहीं कर पा रहे हैं।
-वह पार्ट टाइम सिक्योरिटी की जॉब करके अपनी इनकम बढ़ाना चाहते हैं, इसमें बंदूक की जरूरत है।
मांगी थी आरटीआई
-इस दौरान फुकरान ने आरटीआई भी मांगी थी।
-रिप्लाई से उन्हें पता चला कि प्रशासन ने 378 लोगों को लाइसेंस दिए, लेकिन उनकी फाइल को किसी ने छुआ तक नहीं।
बागपत के डीएम हरदेव शंकर तिवारी ने कहा
-यह प्रशासन के लिए अनिवार्यता नहीं है कि किसी को भी आर्म्स लाइसेंस दे दे।
-यह एक लंबी जांच प्रक्रिया और आवेदक के जान के खतरे को देखकर दिया जाता है।
-हर कोई इसके लिए आवेदन नहीं कर सकता जैसा की फुरकान के मामले में है।