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'मियां शरीफ' ने मुशर्रफ के साथ जैसा किया उसे कहते हैं हिसाब बराबर करना

Rishi
Published on: 8 Jun 2018 7:42 PM IST
मियां शरीफ ने मुशर्रफ के साथ जैसा किया उसे कहते हैं हिसाब बराबर करना
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सवाल उठाया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति दी गई है। डॉन न्यूज के मुताबिक, यहां मीडिया से बातचीत में शरीफ ने कहा कि यह समझ से परे है कि मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है।

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शरीफ ने कहा, "प्रधान न्यायाधीश कैसे राजद्रोह के किसी आरोपी को इस तरह की अनुमति दे सकते हैं।"

उन्होंने कहा, "यह ऐसी चीज है, जो मेरी समझ से परे है।"

नवाज ने कहा, "मुशर्रफ को इस तरह की छूट दी गई है, जबकि अदालत में पेश होने से तीन दिन की छूट की मेरी याचिका अस्वीकार कर दी गई है।"

उन्होंने कहा कि वह अपनी बीमार पत्नी कुलसुम नवाज से मिलना चाहते थे, जिनका वर्तमान में लंदन में कैंसर का इलाज चल रहा है।

अदालत के निर्देश में मुशर्रफ को इस शर्त पर नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई है कि वह लाहौर में 13 जून को एक सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष निजी तौर पर पेश होंगे।

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डॉन न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को पेशावर उच्च न्यायालय के 2013 के उस फैसले के खिलाफ मुशर्रफ की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें उन्हें आजीवन चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया गया था।

अप्रैल 2013 में अयोग्य करार दिए जाने के बाद नेशनल एसेंबली की कराची सीट के लिए मुशर्रफ का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था।

इसे इस आधार पर खारिज किया गया था कि मुशर्रफ ने तीन नवंबर, 2007 को संविधान को निलंबित किया और सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों को हटा दिया और हिरासत में डाल दिया और सार्वजनिक तौर पर प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी का अपमान किया था।

राजद्रोह के मुकदमे के अलावा, मुशर्रफ कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

पूर्व सैन्य तानाशाह मुशर्रफ इलाज के लिए 2016 में दुबई गए और तब से पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।



Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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