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नए प्रोटोकॉल से स्वागत न होने से गवर्नर नाराज,प्रेेसीडेंट को भेजा लेटर
लखनऊ: बजट सत्र के पहले दिन को विधानमंडल के संयुक्त सदन में नया प्रोटोकॉल नहीं दिए जाने से नाराज गवर्नर राम नाईक ने प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी को एक लेटर लिखा है। उन्होंने अपने लेटर के साथ सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसले और मिनट्स की फोटोकॉपी भी प्रेसीडेंट को भेज दी है। शुक्रवार को विधानभवन के गेट पर गवर्नर का स्वागत पुराने प्रोटोकॉल के तहत ही किया गया था। हालांकि राजभवन से वो नए प्रोटोकॉल से ही निकले थे। उन्हें राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय ने एक दिन पहले ही नए प्रोटोकॉल के लिये सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
किस पार्टी ने क्यों किया नए प्रोटोकॉल का विरोध?
- बीजेपी को छोड़कर सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद ने नए प्रोटोकॉल का विरोध किया था।
- विरोध करने वालों का कहना कि इससे राजशाही की बू आती है।
- सपा के आजम खान ने कहा कि गवर्नर कोई राजा नहीं होता है।
- नया प्रोटोकॉल प्रेसीडेंट का सुझाव है, निर्देश नहीं।
- ये राज्यों की संप्रभुता का हनन है।
- बीजेपी ने कहा सपा, बसपा कांग्रेस या अन्य दल नए प्रोटोकॉल की गलत व्याख्या कर रहे हैं।
- नए प्रोटाकॉल के लिए प्रेसीडेंट के लेटर में साफ लिखा है कि इसके लिए गठित समिति की सिफारिश को सदन की प्रक्रिया का हिस्सा माना जाए।
- यही वजह है कि प्रोटोकॉल का मामला बाध्यकारी है।
- राजनीतिक प्रेक्षक इसे गवर्नर और सरकार के बीच तकरार की एक और कड़ी मान रहे हैं।